भारत और जापान ने इस वर्ष के अंत में प्रधानमंत्री शिंजो आबे की यात्रा से पूर्व विदेश मंत्रियों और रक्षा मंत्रियों की गुरूवार को 2+2 वार्ता पर सहमति जताई है। आला स्तर की वार्ता में नीति और सुरक्षा से सम्बंधित मामलो पर चर्चा की थी और इसका निर्णय जी-20 सम्मेलन में आयोजित मुलाकात में लिया गया था।
विदेश मंत्री विजय गोखले ने मोदी और आबे के बीच बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि “इस वर्ष के अंत में आबे की यात्रा से पूर्व महत्वपूर्ण मुलाकाते होगी और 2+2 मंत्रीय स्तरीय बेहद महत्वपूर्ण मुलाकात होगी। दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री मुलाकात और नीति व सुरक्षा से सम्बंधित मामलो पर भी चर्चा करेंगे।
बहरहाल, मुलाकात की तारीख का ऐलान नहीं किया है। गोखले ने कहा कि “मुलाकात की तारीख पर चर्चा की जाएगी लेकिन यह आबे की यात्रा से पूर्व इसका आयोजन किया जायेगा। इस दिन की शुरुआत में आबे ने ऐलान किया कि वह मोदी के साथ वार्षिक बैठक के लिए भारत आएंगे।
गोखले ने कहा कि “दोनों देशों के बीच बैठक गर्मजोशी से हुई थी। मोदी और आबे पुराने दोस्त है और उनकी द्विपक्षीय संबंधों पर बेहद रचनात्मक और गहराई से चर्चा हुई थी।” नरेंद्र मोदी ने भारत के उत्तर पूर्वी भागो में ढांचागत परियोजनाओं में जापानी पीएम की भूमिका की सराहना की है।
पीएम ने विशेषकर उत्तर पूर्वी राज्यों में जापान के कार्यों की सराहना की है। बीते माह हुई बैठक में “एक्ट ईस्ट फोरम” का गठन हुआ था और तीन बैठकों का आयोजन हुआ था और कई परियोजनाओं, पुलों, फारेस्ट प्रोजेक्ट, सड़क निर्माण के परियोजनों की पहल हुई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर पूर्व में ढांचागत परियोजाओं में पीएम आबे के योगदान की सराहना की है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे कॉरिडोर और वाराणसी में कन्वेंशन सेंटर के निर्माण पर संक्षेप में चर्चा की थी। दोनों नेताओं ने इस प्रगति से सम्बंधित समीक्षा की थी।
मोदी और आबे ने भगोड़ा आर्थिक आपराधिक विधेयक पर अपने विचारो को साझा किया था और जलवायु परिवर्तन पर भी चर्चा की थी। गोखले ने कहा कि “पीएम मोदी ने पीएम आबे को आपदा रहित ढांचों के लिए वैश्विक गठबंधन पर नयी पहले के बाबत बताया था और सुझाव दिया कि जापान को समर्थन करना चाहिए और इसका कारण आपदा से निपटने का जापान का अनुभव है।”