बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली और बुद्धिमान अभिनेताओं में से एक शाहरुख़ खान ने जितनी उपलब्धियां अपनी ज़िन्दगी में हासिल की है, अब उसे गिनना भी मुश्किल हो रहा है। लगातार सम्मान पर सम्मान पाने वाले अभिनेता ने हाल ही में एक रिकॉर्ड अपने नाम किया है। वह तीन अलग अलग फॉरेन यूनिवर्सिटी से तीन डॉक्टरेट की उपाधि पाने वाले इकलौते अभिनेता बन गये हैं।
पहली बार 10 जुलाई, 2009 में यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ़ बेडफोर्डशायर से उन्हें कला और संस्कृति में अपने पहली डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा गया था। फिर 2015 में, सुपरस्टार को यूनिवर्सिटी ऑफ़ एडिनबर्ग की तरफ से डॉक्टर होनोरिस कोसा की उपाधि से सम्मानित किया गया।
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फिर इन दो उपाधि के बाद, इस बार 5 अप्रैल, 2019 में उन्हें अपने दान कार्य के लिए भी सम्मानित किया गया। लन्दन की यूनिवर्सिटी ऑफ़ लॉ की तरफ से उन्हें अपनी तीसरी डॉक्टरेट की उपाधि मिली।
शाहरुख़ को अपने लोकोपकार के लिए जाना जाता है। और वह ऐसे इकलौते भारतीय भी हैं जिन्हें अपने सामाजिक कार्य के लिए UNESCO अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। ज्यादातर लोग उनके दान कार्य से इसलिए भी अनजान रहते हैं क्योंकि उन्हें छिपकर दान करना पसंद है। किंग खान का ऐसा मानना है कि अगर आप सबके सामने दान कर रहे हैं, तो उसका असली महत्त्व गायब हो जाता है।
इसके अलावा, शाहरुख़ बहुत ज्ञानी और शिक्षित भी हैं। उनका ज्ञान उनके बोलने के अंदाज़ में झलकता है और यही कारण है कि वैंकूवर में जब TED कांफ्रेंस में उन्होंने अपनी ज़िन्दगी के संघर्षों को साझा किया था तो उन्हें वहां मौजूद सभी वैज्ञानिक, शिक्षाविद और अभिजात वर्ग से स्टैंडिंग ओवेशन मिली थी।
हाल ही में, अपनी नवीनतम उपाधि लेते वक़्त बादशाह ने स्वार्थी होने का असली मतलब समझाया था।
उनके मुताबिक, “मैं हालांकि यह कहना चाहूंगा कि सभी सेवा वास्तव में कुछ मायनों में स्वार्थी है क्योंकि यह हमें अधिक सार्थक या योग्य बनाती है। एक दूसरे के प्रति दयालुता का प्रत्येक कार्य वास्तव में स्वयं के प्रति दयालुता का कार्य है। तो जैसे मैं निष्कर्ष निकालता हूँ, मैं युवाओं को एक ईमानदार इच्छा के साथ छोड़ देता हूँ कि इस कमरे में हर कोई इतना स्वार्थी हो जाए कि किसी दिन मानव जाति की बेहतरी में योगदान दे सके।”