सर्वोच्च न्यायलय के न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव ने बुधवार को शारदा चिट फंड घोटले की जांच में पश्चिम बंगाल के अथॉरिटीज की तरफ से बाधा डालने का आरोप लगाने वाली सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करन से इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे राज्य की ओर से वकील के रुप में पेश हुए थे, इसलिए वे मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गगोई, जस्टिस एल नागेश्वर राव व जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ के सामने सीबीआई की अवमानना को लेकर दायक की गई याचिका सुनवाई के लिए तय थी। तभी मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई को स्थगित करने का आदेश दिया और कहा कि एक जस्टिस इस सुनवाई का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। फिलहाल इस मामले को 27 फरवरी तक के लिए टाल दिया गया है।
18 फरवरी को पं. बंगाल के मुख्य सचिव मलय कुमार दे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार और कोलकाता पुलिस कमीश्नर राजीव कुमार ने घोटाले के संबंध में सीबीआई द्वारा दायर अवमानना याचिका पर शीर्ष अदालत में पत्र दिया था। साथ ही बिना किसी शर्त के स्पष्ट रुप से माफी मांगी थी। हालांकि राज्य पुलिस औऱ सरकार दोनों ने ही इस बात का खंडन किया है कि उन्होंने जांच करने पहुंचे सीबीआई की अवमानना की है। जबकि उन्होंने कहा है कि केंद्रीय विभाग बिना किसी सरकारी नोटिस के तफ्तीश करने पहुंचा था।
वही 5 फरवरी को शीर्ष अदालत ने उन्हें सीबीआई की अवमानना याचिकाओं पर जवाब दायर करने का आदेश दिया था।