लोक सभा चुनाव आ रहे है। समय के साथ तमाम दल आगामी चुनावों को लेकर अपने पत्ते खोल रहें है। अब की बार के लोक सभा कई मायनो में ख़ास होने वाले है।
देश में इन दिनों दो गुट तैयार हो रहे है। एक भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों का और एक गैर भाजपाई दलों का।
इसी की वजह से आना वाला चुनाव पिछले सभी चुनावो से काफी ख़ास होने वाला है। कांग्रेस जहाँ अपने राजनैतिक इतिहास के सबसे कमज़ोर मोड़ पर है, वही भाजपा अपने सुनहरे काल में परन्तु अब धीरे धीरे कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ विपक्ष के अन्य दलों के साथ से एक मज़बूत गठबंधन की स्थापना कर दी है।
इसी को लेकर हाल ही में लोकतांत्रिक जनता दल के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने घोषणा कर दी है की आगामी चुनाव में उनकी पार्टी महागठबंधन का हिस्सा बन भाजपा के विरुद्ध चुनाव लड़ेगी।
हाल ही में शरद यादव ने गठबंधन पर प्रकाश डालते हुआ कहा कि, “केन्द्र की मोदी नीत बीजेपी सरकार को हराने के लिये विपक्षी दलों के महागठबंघन में कांग्रेस ‘ड्राइविंग सीट’ की भूमिका में रहेगी। और शेष दल उसे सहयोग करेंगे।
राजस्थान प्रवास पर आए यादव ने कहा कि कांग्रेस का समूचे देश में प्रभाव है लेकिन क्षेत्रीय दल अपने अपने क्षेत्रों में सिमटे हुये है ऐसे में महागठबंघन में कांग्रेस ही मुख्य भूमिका में रहेगी।”
इसके बाद उन्होंने भारतीय जनता पार्टी कि कड़ी आलोचना भी करी। उन्होंने मॉब लिंचिंग और भीड़तंत्र के हत्या करने को लेकर सरकार को आड़े हाथों लिया एवं विपक्ष के प्रधान मंत्री उम्मीदवार को लेकर उन्होंने बताया कि, “देश में तीन बार कांग्रेस को हटाने के लिये भी गठबंधन बना था जिसमे किसी को भी प्रधानमंत्री के रुप में घोषित नहीं किया।
उन्होंने कहा कि 1977, 1989 और 1996 इसके उदाहरण है और कांग्रेस उस समय सबकी दुश्मन थी। उस गठबंधन में 1996 को छोड़कर बीजेपी भी शामिल थी।