एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि अगर मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए आम चुनावों में स्पष्ट बहुमत साबित करने में असफल रहती हैं तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्र बाबू नायडू, और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती प्रधानमंत्री पद के लिए प्रमुख दावेदार होंगे।
पवार ने कहा, “नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद संभालने से पहले गुजरात के मुख्यमंत्री थे। मेरे विचार से, एनडीए को स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने की संभावना कम हैं, ऐसे में बनर्जी, ममता और नायडू प्रधानमंत्री पद के लिए बेहतर विकल्प हैं
शरद पवार ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि यह तीनों क्षेत्रीय क्षत्रप पीएम पद के लिए राहुल गांधी के अपेक्षा बेहतर दावेदार हैं। उन्होंने कहा, कि राहुल गांधी स्वयं कई अवसरों पर स्पष्ट कर चुके हैं कि वह पीएम पद के दावेदार की रेस में नही हैं।
एक हफ्तें पहले, जब नायडू और पवार मुंबई में थे, तब नायडू ने कहा वह प्रधानमंत्री पद की ओर नही देख रहे हैं। उनका लक्ष्य लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना हैं।
इससे पहले चुनाव प्रचार के दौरान शरद पवार ने दावा किया था कि लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटें काफी कम होंगी। पवार ने कहा,” सभी मोर्चों पर सरकार के असफल होने को देखते हुए मैं यह महसूस कर रहा हूं कि भाजपा की कम से कम 100 सीटें कम होंगी और एनडीए स्पष्ट बहुमत प्राप्त नही कर पाएगी। हमें प्रधानमंत्री पद के नए विकल्पों पर विचार करना होगा।
हालांकि उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल नही हैं। उन्होंने कहा, एनसीपी केवल 22 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। यदि हम 22 सीटें जीत भी जाते हैं तो सरकार बनाने के जरूरी आकड़ों तक नही पहुंच पाएंगे। पीएम बनने की सोचना भी तर्कहीन होगा।
कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि एनडीए के फेल होने पर भले ही महागठबंधन न हो लेकिन गैर एनडीए दलों को एक जुट करने में पवार की अहम भूमिका होगी।
उन्होंने यह भी कहा,” मोदी को सत्ता से बाहर निकालने के लिए पवार सभी भाजपा विरोधी दलों को एक जुट कर सकते हैं। हम इस बात से हैरान नही होंगे कि शिवसेना भी उनके इस प्रस्ताव का समर्थन करे”।