राकांपा प्रमुख शरद पवार के एक ट्वीट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की केरल इकाई को बचा लिया। पवार ने सुबह ट्वीट किया था कि महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर उनके भतीजे अजीत पवार और भाजपा के बीच क्या हुआ, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
राकांपा केरल में माकपा की अगुवाई वाली वाम मोर्चा सरकार में सहयोगी है और पवार के ट्वीट ने गठबंधन में दरार पड़ने से बचा लिया। केरल में सबसे लोकप्रिय राकांपा नेता टी.पी. पीतांबरन ने हैरानी व्यक्त करते हुए मीडिया से कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अजीत पवार ने मिलकर जो कुछ किया, उससे शरद पवार का कुछ लेना-देना नहीं है।
पीतांबरन ने कहा, “ये सभी अंडग्राउंड ऑपरेशन हैं और अब निश्चित रूप से, अजीत पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) से कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। हम शरद पवार का निर्णय सुनने का इंतजार कर रहे हैं।”
केरल में राकांपा के तीन विधायक हैं और उनमें से एक ए.के. ससीन्द्रन पिनरई विजयन मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री हैं।
महाराष्ट्र में जो कुछ हुआ, उससे शरद पवार के पल्ला झाड़ लेने के कारण केरल इकाई राहत की सांस ले सकती है, क्योंकि वाम लोकतांत्रिक मोर्चा में उनका अस्तित्व खतरे में नहीं आएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली कैबिनेट में केरल के एकमात्र नेता वी. मुरलीधरन ने महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली नई सरकार के गठन का स्वागत किया है।
मुरलीधरन ने कहा, “यह कांग्रेस की विध्वंसक राजनीति के लिए एक बड़ा झटका है, जो गंदी राजनीति खेल रही थी। यदि भाजपा और शिवसेना के बीच कोई पूर्व गठबंधन नहीं होता, तो जल्द ही सरकार गठित हो जाती”
शनिवार सुबह, महाराष्ट्र के राज्यपाल बी.एस. कोश्यारी ने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री और राकांपा नेता अजीत पवार को नए उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई।
भाजपा और राकांपा के कुछ नेताओं और अन्य सरकारी अधिकारियों की मौजूदगी में राजभवन में एक समारोह में दोनों को सुबह आठ बजे शपथ दिलाई गई।