केंद्र सरकार द्वारा मान्यता रद्द करने की धमकी मिलने के बाद भी अखिल भारतीय शतंरज महासंघ (एआईसीएफ) ने शनिवार को तत्काल अपनी आम बैठक बुलाई और 10 फरवरी 2020 को चुनाव कराने का फैसला किया है। एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी दी।
अधिकारी ने यह भी बताया कि एआईसीएफ की अगली बैठक 28 दिसंबर को भोपाल में होगी जिसमें बंगाल शतरंज संघ (बीसीए) में वित्तीय गड़बड़ी के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
बैठक के बाद फिडे के जोन अध्यक्ष आर.एम. डोंगरे ने आईएएनएस से कहा, “हम खेल मंत्रालय के फैसले को नकार नहीं रहे हैं। खेल मंत्रालय ने कहा है कि 14 दिसंबर को होने वाली बैठक रद्द हो सकती है। मंत्रालय ने खासतार पर एआईसीएफ की आम बैठक को रद्द करने को नहीं कहा है।”
डोंगरे ने कहा, “बैठक में बीसीए के मुद्दे पर चर्चा नहीं हुई क्योंकि खेल मंत्रालय चाहता था कि बैठक के समय केंद्र सरकार का पर्यवेक्षक मौजूद हो। इसलिए 28 तारीख को भोपाल में अलग से आम बैठक बुलाई गई है।”
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि डोंगरे, एआईसीएफ सचिव भरत सिंह चौहान, एआसीएफ कोषाध्यक्ष किशोर एम. बांडेकर, मध्य प्रदेश शतरंज संघ के सचिव कपिल सक्सेना की चार सदस्यीय समिति एआईसीएफ अध्यक्ष पी. आर वेंकटरमा राजा को 10 फरवरी को होने वाले चुनाव आयोजित कराने में मदद करेगी।
बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि चौहान को कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के लिए समय दिया जाएगा।
खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को राजा को जो पत्र लिखा था उसमें लिखा था कि, “ऐसा पता चला है कि अध्यक्ष और सचिव द्वारा 14.12.2019 और 22.12.2019 को जो बैठक बुलाई गई है उनका एजेंडा लगभग एक ही है। बैठक में नेशनल चैम्पियनशिप में वित्तीय गड़बड़ियां और फर्जी दस्तखत के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी इसलिए मंत्रालय बैठक के लिए अपना पर्यावेक्षक नियुक्त करना चाहता है। इसलिए अध्यक्ष द्वारा 14.12.2019 को बुलाई गई बैठक रद्द कर दी जाती है और सचिव द्वारा 22.12.2019 को बुलाई गई बैठक को मंजूरी दी जाती है।”
मंत्रालय ने लिखा है, “अगर मंत्रलया के आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो सरकार इस मामले में गंभीर कदम उठाएगी और मंत्रालय द्वारा महासंघ को निलंबित भी किया जा सकता है।”