व्हाट्सऐप के करीब 1 अरब से भी ज्यादा उपयोगकर्ताओं को जल्द ही अपनी स्क्रीन पर कोई विज्ञापन चलता हुआ दिख सकता है। फेसबुक अपनी नीति के तहत अब व्हाट्सएप को मोनेटाइज करने जा रहा है, जिसके बाद व्हाट्सऐप फेसबुक की कमाई का एक बहुत बड़ा हिस्सा बन जायेगा।
हालाँकि फेसबुक के इस कदम से व्हाट्सऐप के उपयोगकर्ताओं का अनुभव जरूर खराब होगा। व्हाट्सऐप को लोग इसीलिए ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि उसमे लोग बिना किसी रुकावट के बातचीत कर सकते हैं। इसी कड़ी में कहा जा रहा है कि व्हाट्सऐप के उपयोगकर्ताओं के लिए ये काफी कठिन फैसला साबित होगा।
फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकरबर्ग के इसी फैसले पर व्हाट्सऐप के संस्थापक ब्रायन ऐक्टन से विवाद हो गया था, ब्रायन नहीं चाहते थे कि फेसबुक व्हाट्सऐप को मोनेटाइज करे, जिसके चलते हाल ही में व्हाट्सऐप के संस्थापक ने कंपनी छोड़ दी थी।
2014 में व्हाट्सऐप की स्थापना के साथ ही संस्थापक ब्रायन ऐक्टन और जैन कॉम ने इसका उद्देश्य रखा था कि वे इस ऐप में किसी भी तरह के गेम व एड का प्रयोग नहीं करेंगे। इसके पहले व्हाट्सऐप अपने यूजर्स से बहुत ही साधारण सा चार्ज लेता था, जो कि व्हाट्सऐप के यूजर को साल में एक बार देना होता थी। बाद में व्हाट्सऐप ने वो चार्ज लेना भी बंद कर दिया था।
फिलहाल फेसबुक का मुख्य उद्देश्य पैसा कमाना दिख रहा है, जिसकी वजह से उसे अपने ग्राहकों की सहूलियतों के साथ समझौता करने में भी कोई हर्ज़ नहीं है। हालाँकि बताया ये जा रहा है कि फेसबुक ने इसकी टेस्टिंग भी शुरू कर दी है। बहुत जल्द ही ये ग्राहकों के लिए नया अपडेट जारी किया जा सकता है।
इसके पहले फेसबुक, इंस्टाग्राम पर भी कुछ बड़े परिवर्तन करना चाहता था, जिसके चलते मार्क ज़ुकरबर्ग का इंस्टाग्राम के संस्थापक केविन सिस्ट्रोम और माइक क्रीजर के साथ विवाद हो गया था। इसी के चलते इंस्टाग्राम के संस्थापकों ने भी फेसबुक को अलविदा कह दिया था।