बुधवार को व्हाट्सएप ने कहा की कंपनी द्वारा मेसेजिंग एप की सुरक्षा को बढाने के लिए और अधिक प्रयास किये जायेंगे। इसके साथ व्हाट्सएप ने यह भी बताया की फेक न्यूज़ को भी कम करने के भरसक प्रयास किये जायेंगे। बतादें की आने वाले लोक सभा चुनावों के कारण व्हाट्सएप पर बढ़ती फेक न्यूज़ के कारण भारतीय साकार का व्हाट्सएप पर दबाव बन रहा है।
व्हाट्सएप को सरकार से मिली चेतावनी :
भारत का हम हाल ही का परिदृश्य देख सकते हैं। यहाँ पुलवामा हमले से अभी तक पूरी तरह से आरोग्य नहीं पाया है और लोकसभा चुनाव सर पर हैं। इसके साथ ही विपल्श जोरों शोरों से इसकी तैयारु कर रहा है। ऐसे में जनता को प्रभावित करने के लिए विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है जिनमे सोशल मीडिया भी शामिल हैं।
अतीत में व्हाट्सएप के द्वारा फैलाई गयी फेक न्यूज़ के कारण दंगे अआदी हो चुके हैं। इसके कारण सरकार ने व्हाट्सएप को चेतावनी दी है की यदि उनकी एप को गलत कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता है तो उन्हें इसकी जिमीदारी लेनी होगी और इसके खिलाफ कदम उठाने होंगे।
व्हाट्सएप एग्जीक्यूटिव से मिले सरकारी अधिकारी :
इसी संबंध में व्हाट्सके वरिष्ठ अधिकारियों से भारत के सरकारी अधिकारियों ने बैठक भी की है। इसमें उन्होंने अधिकारियों को कहा की वे फेसबुक से निवेदन करें की फेक न्यूज़ को फैलाने वाले व्यक्ति की पहचान की जाए। अभिजित बोस जोकि भारत में व्हाट्सएप के हेड हैं, से भी सरकारी अधिकारियों ने इस संबंध में चर्चा के लिए मुलाक़ात की।
व्हाट्सएप द्वारा फेक न्यूज़ रोकने के प्रयास :
फेक न्यूज़ की समस्या हर प्लेटफार्म पर है। इसके लिए सभी प्लेटफार्म इसे रोकने की कोशिश कर रही है। इसके लिए व्हाट्सएप ने एक ठोस कदम उठाया जिसके अंतर्गत इसी के चलते व्हाट्सएप नया उपाय अंतर्गत उपभोक्ता ज़्यादा लोगों को कोई सन्देश फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे।
ऐसा ठोस कदम उठाने से पहले फेसबुक एवं व्हाट्सएप ने विभिन्न विज्ञापनों के जरिये फेक न्यूज़ का फैलाना रोकने की कोशिश की थी। ये विज्ञापनों को फेक न्यूज़ से होने वाले नुक्सान के बारे में बता रहे थी। लेकिन इनका कोई ज़्यादा फायदा नहीं हो पाया था एवं इसके चलते व्हाट्सएप ने ऐसा ठोस कदम उठाने का निर्णय किया।
इसके अलावा व्हाट्सएप में पिछले साल यूजर के लिए सस्पीशियस लिंक इंडिकेटर की सुविधा भी जारी की थी जोकि यूजर को कोई भी गलत लिंक खोलने से सावधान करती थी।