रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को रूसी संसद द्वारा पारित उस विधेयक पर हस्ताक्षर किये जिसके माध्यम से 2024 में अपना कार्यकाल ख़तम होने के बाद भी वे दो अन्य कार्यकाल तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। इसी हस्ताक्षर के साथ ही इन संवैधानिक बदलावों को औपचारिक रूप से अनुमति मिल गयी है। अब राष्ट्रपति पुतिन 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, इस विधेयक को संसद के निचले सदन स्टेट ड्यूमा ने एक हफ्ते पहले ही मंजूरी दे दी थी।पुतिन ने संवैधानिक सुधार के रूप में पिछले साल इस बदलाव का प्रस्ताव रखा था। 1 जुलाई 2020 को हुए जनमत संग्रह में रूसी जनता ने इस प्रस्ताव को भारी समर्थन दे के विजयी बनाया था। इस जनमत संग्रह में करीब 78 प्रतिशत मतदाताओं ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाला था। वहीं कुल मतदान 68 प्रतिशत रहा था।
वहीँ विपक्ष का आरोप था कि यह संवैधानिक वोट मतदाताओं पर दबाव बना कर पारित किया गया। विपक्षी नेताओं का यह भी कहना है कि जो इस प्रसताव के विरोध में थे उन्हें निष्पक्ष तौर पर अपना मत डालने नहीं दिया गया। वहीं जनवरी महीने में जर्मनी से लौटे रूस के सबसे प्रमुख विपक्षी नेता, एलेक्सेई नवाल्नी को गिरफ़्तार कर लिया गया।
भले ही यह क़ानून 2036 तक पुतिन को सत्ता में बनाए रखने की ताक़त प्रदान करता है, 68-वर्षीय रूसी नेता का कहना है कि वो इस पर 2024 के बाद फ़ैसला करेंगे कि क्या वर्तमान कार्यकाल के छह वर्ष पूरे होने के बाद भी वे फिर सत्ता हासिल करने की होड़ में रहेंगे या नहीं।
पुतिन पहली बार 2000 में राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने दो बार चार-चार साल के कार्यकाल पूरे किए। इसके बाद उनके सहयोगी दिमित्रि मेदेवदेव 2008 में राष्ट्रपति बने और पुतिन ने प्रधान मंत्री का पद संभाला। इस से पहले वो 1999-2000 में भी प्रधान मंत्री रह चुके हैं। 2012 में पुतिन की सत्ता में एक बार फिर वापसी हुई और 2018 में भी उन्होंने जीत हासिल की। पुतिन का कहना है कि उन्होंने यह कदम उन्होंने देश में स्थिरता के लिए उठाया है ताकि देश के नेता उनका उत्तराधिकारी ढूँढने की जगह देश की उन्नति पर ध्यान दें।
अगर व्लादिमीर पुतिन 2036 तक सत्ता पर काबिज़ रहते हैं तो वे सोवियत रूस के तानाशाह जोसफ़ स्टालिन से भी अधिक समय तक सत्ता के शीर्ष शिखर पर काबिज़ रहने वाले नेता बन जाएंगे। गौरतलब है कि स्टालिन रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मृत्यु के बाद 1924 से 1953 तक सत्ता पर काबिज़ रहे।