अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने सोमवार को कहा कि “रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की मुलाकात के बाद ही पियोंगयांग ने मिसाइल और रॉकेट का परिक्षण किया है।” हाल ही में किम जोंग उन ने रूस की यात्रा की थी।
माइक पोम्पिओ ने कहा कि “उत्तर कोरिया पर विश्व के सबसे कठोर प्रतिबन्ध बरक़रार है। चेयरमैन किम पर आज इसका कुछ दबाव बना हुआ है। आप इसके बाबत रूस की यात्रा के बाद देख सकते हैं। व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत करने के बाद उन्होंने इस कार्रवाई का निर्णय लिया है।”
उत्तर कोरिया की कार्रवाई पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा दिए बयान के उलट माइक पोम्पिओ का बयान है। उन्होंने ट्वीटर पर कहा कि “इस बेहद दिलचस्प दुनिया में कुछ भी संभव है लेकिन मुझे यकीन है कि किम जोंग उन उत्तर कोरिया की महान आर्थिक क्षमता को पूरी तरह महसूस करते है और हम इसमें कभी दखलंदाज़ी या खत्म करने की भी नहीं सोचेंगे।”
उन्होंने कहा कि “वह अच्छे से जानते हैं कि मैं उनके साथ हूँ और वह मुझसे किया वादा नहीं तोड़ना चाहते हैं। यह समझौता जरूर होगा।” कम्युनिस्ट राष्ट्रों और उत्तर कोरिया के खिलाफ माइक पोम्पिओ का रवैया अधिक सख्त रहता है। उत्तर कोरिया ने अमेरिका से बातचीत के लिए एक समझदार व्यक्ति की नियुक्ति करने का आग्रह किया था।
नवंबर 2017 में उत्तर कोरिया ने हवासोंग- 15 इंटरकांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल को लांच किया था और इसके बाद रविवार को हथियारों का परिक्षण सबसे भयावह है। अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच परमाणु वार्ता प्रक्रिया जारी है लेकिन अभी भी दोनों पक्षों के बीच मतभेद कायम है।
फरवरी में उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच हनोई में दुसरे शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था। यह समारोह बगैर किसी समझौते के रद्द हो गया था और इसके बाद दोनों पक्षों के बीच बातचीत का दौर ठप है।