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    रूस में इंटरनेट कानून प्रस्तावित

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को एक विवादित संप्रभु इंटरनेट कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसके तहत रुसी अधिकारीयों का नेट मुल्क से अलग थलग होगा और इस कानून का दक्षिणपंथियों समूहों ने विरोध किया है। रुसी सांसदों के मुताबिक, नया कानून रूस के ऑनलाइन नेटवर्क की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है लेकिन आलोचकों के मुतबिक, नया बिल सरकारी निगरानीकर्ताओं को नयी नियंत्रण ताकत देगा।

    इस बिल के लेखन को बुधवार को प्रकाशित कर दिया गया है लेकिन यह नवंबर से प्रभावी होगा। इसमें इंटरनेट पर निगरानी रखने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा और रुसी इंटरनेट ट्रैफिक से विदेशी सर्वर को दूर रखा जायेगा। विदेशी मुल्कों द्वारा इसे बंद करने से बचाया जाएगा।

    इस कानून के कर्ताधर्ताओं ने कहा कि “रूस को अपने नेटवर्क की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए क्योंकि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बीते वर्ष नए अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी रणनीति का खुलासा किया था और कहा कि “रूस ने बगैर किसी सज़ा के अमेरिका में साइबर हमले किये थे।”

    इस प्रस्ताव और अन्य मसौदा के खिलाफ रूस में हज़ारो लोगो ने रैली निकाली थी और आलोचकों के मुताबिक, प्रशासन ऑनलाइन सूचना और संवाद को प्रतिबंधित करना चाहता है। रुसी राष्ट्रपति ने मार्च में भी एक विवादित बिल पर हस्ताक्षर किये थे जिसके तहत विभागों का असम्मान करने वाले लोगो को अदालत जेल की सज़ा या जुर्माना भरने के लिए कह सकती है।

    रूस में मीडिया और इंटरनेट आज़ादी पर प्रशासन शिकंजा कसना चाहता है। पिछले हफ्ते 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने रूस को इस बिल को वापस लेने के लिए कहा था। मानवाधिकार निगरानी समूह, पत्रकारों के मुताबिक यह बिल सरकार को अनुमति देगा कि रूस में इंटरनेट को ब्लॉक कर दे और यह न्याय से परे और अपारदर्शी होगा।

    इंटरनेट का नियंत्रण रुसी एफएसबी सिक्योरिटी सर्विस और टेलीकॉम एंड मीडिया मॉनिटरिंग एजेंसी रोसकोमनाड़ज़ोर के  समक्ष होगी। जिनपर मनमाने ढंग से इंटरनेट से कंटेंट को गायब करने के आरोप है। हालिया वर्षों में विभागों ने अपने विरोध में व्यक्त कंटेंट और ऑनलाइन साइट्स को ब्लॉक किया है। साथ ही उनके साथ सहयोग नाने वाली इंटरनेट सुविधाओं को भी बंद किया है। इसमें डैलीमोशन वीडियो प्लेटफार्म, लिंक्डइन ऑनलाइन सोशल नेटवर्किंग साइट और टेलीग्राम शामिल है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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