चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को आश्वस्त किया कि बीजिंग व्यापार घाटे को कम करने के लिए संजीदा कदम उठाने के लिए तैयार है। महाबलीपुरम सम्मेलन के समापन के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि “दोनों नेताओं के वीच व्यापार पर अच्छी चर्चा हुई थी।”
उन्होंने कहा कि “आप सभी जानते है कि दोनों देशो के बीच व्यापार पर मतभेद है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी को आश्वस्त किया है कि चीन व्यापार घाटे को कम करने के लिए संजीदा कदम उठाने के लिए तैयार है और व्यापर घाटे को कम करने के तरीके पर बेहद ठोस कदम उठाने पर चर्चा की है।”
चीनी राष्ट्रपति दो दिन की अनौपचारिक यात्रा पर चेन्नई आये थे। उन्होंने पीएम मोदी के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की थी। उन्होंने व्यापार और अर्थव्यवस्था से सम्बंधित मुद्दों पर भी बातचीत की थी। दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ पांच घंटे का समय व्यतीत किया था।
गोखले ने कहा कि “भारत और चीन ने व्यापार, निवेश और सुविधाओं पर चर्चा के लिए नए मैकेनिज्म की स्थापना का निर्णय लिया है। दोनों नेताओं के बीच आपसी समझ से जिस मुद्द्व पर रजामंद हुए थे वह व्यापार, निवेश और सुविधाओं के लिए एक नए मैकेनिज्म की स्थापना करना है। इसमें चीन की तरफ से उप प्रधानमन्त्री हु चुन्हुआ और भारत की तरफ से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बातचीत करेगी।”
इस मैकेनिज्म के लिए तारीख और स्थान का चयन करना अभी शेष है। गोखले ने कहा कि “इस मैकेनिज्म के सक्रीय होने के तरीके और समय पर कूटनीतिक माध्यम से बातचीत की जाएगी। इस पर दोनों नेताओं की बातचीत नहीं हुई है।”
विदेश सचिव ने कहा कि “राष्ट्रपति शी ने भारत से चीन में निवेश का स्वागत किया था, इसमें सूचना तकनीक भी शामिल है। दोनों नेताओं ने शनिवार को एक घंटे से अधिक समय तक बातचीत की थी।
शी ने प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के दौरान कहा कि “उनकी और प्रधानमन्त्री मोदी की दिन से चढ़ा हुई थी और दोस्तों की तरह द्विपक्षीय संबंधो पर वार्ता की थी। उन्होंने चीन और भारत के बीच प्रतिनिधि स्तर की वार्ता के साथ ही इस यात्रा का समापन किया था।”