इस सोमवार को वैष्णों देवी से भैरों के लिए जाने के लिए रोपवे का उदघाटन किया गया। यह तीर्थयात्रियों को बिना किसी कष्ट के 3 घंटे की यात्रा को 5 मिनट में पूरा करने में मदद करेगा।
तीर्थ यात्रियों को क्या परेशानी :
हालांकि मंदिर भवन से सिर्फ 1.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, लेकिन यहाँ की चढ़ाई बेहद कठिन है जिससे तीर्थयात्री खासकर बूढ़े लोगों के लिए भैरो नाथ मंदिर के दर्शन करना कठिन हो जाता है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, वैष्णो देवी आने वाले कुल यात्रियों में से 40 प्रतिशत लोग ही भैरों मंदी के दर्शन करने के लिए जाते हैं। कठिन चढ़ाई के कारण 60 फीसदी लोग अपना मन बदल लेते हैं।
रोपवे के बारे में पूरी जानकारी :
यात्रियों को होने वाली परेशानोयों को देखकर सरकार ने यह रोपवे खोलने का फैसला किया है।इस रोपवे का उदघाटन सोमवार को राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने किया।
इससे यात्रा का समय 3 घंटे से घटकर केवल 5 मिनट हो जाएगा। इस रोपवे में यात्रा करने के लिए हर यात्री को 100 रूपए देने होंगे। ट्रायल रन के दोरान देखा गया की रोपवे लगने के बाद सामान्य से लगभग 3000 ज्यादा लोग दर्शन के लिए पहुंचे।
रोपवे का पूरा काम स्विट्ज़रलैंड की गरवंता एजी एवं कोलकाता के दामोदर रोपवेज कंस्ट्रक्शन के सयुंक्त उपक्रम द्वारा किया है। यह RITES की देखरेख में किया गया था।
रोपवे के उपकरण और केबिन आदि सामान स्विट्जरलैंड से आयात किए गए हैं। इसमें प्रति घंटे 800 व्यक्तियों का वहां करने की क्षमता है। इस सेवा की मदद से, 6,600 फीट की ऊंचाई पर खड़ी चढ़ाई मिनटों में पूरी हो जाएगी।
तीर्थ में रहने वाले लोगों को दिया बचाव परिक्षण :
औपचारिक रूप से परियोजना का परीक्षण 26 नवंबर से शुरू हुआ। यात्री रोपवे के परीक्षण और परीक्षण के अलावा, मॉक बचाव और निकासी अभ्यास आयोजित किए गए। तीर्थ मंडल के कर्मचारियों को भी आपातकालीन सेवाओं के लिए प्रशिक्षित किया गया है