वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण वह प्रक्रिया है जिसकी सहायता से व्यवसायी अपने व्यवसाय को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाते हैं। इससे व्यवसाय एक देश से बढ़कर कई देशों तक पहुँचता है अर्थात दुसरे देशों तक व्यवसायों का विकसित होना जिससे उस व्यवसाय को प्रदर्शन में अंतर्राष्ट्रीय तकनीक का फायदा मिले।
विषय-सूचि
वैश्वीकरण निबंध, globalisation essay in hindi (100 शब्द)
वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण सामान्यतः अपने व्यवसाय के सेवा क्षेत्र को दुसरे देशों तक बढ़ाना है। यदि कोई व्यवसाय अपने काम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाता है और किसी दुसरे राष्ट्र में स्थापित करता है तो इसके लिए बहुत बड़ा अंतर्राष्ट्रीय निवेश चाहिए होता है। हालंकि इससे बहिउट फायदे होते हैं। इससे एक व्यवसाय के ग्राहकों में काफी बढ़ोतरी होती है और इसके साथ ही यदि यह किसी ऐसे देश में जाता है जहां उत्पादन लागत कम है तो व्यवसाय को खर्च कम करने में मदद मिलती है।
पिछले दशक में वैश्वीकरण बहुत तेज हो गया है और भारत देश में हज़ारों विदेशी कंपनियां आ गयी है। इससे भारत के व्यवसायों में प्रतिस्पर्धा बढ़ गयी है और इसके साथ ही भारत में ग्राहकों के पास विकल्पों की संख्या बढ़ गयी है। एक तरफ जहां इसने ग्राहकों के विकल्प बहद दिए हैं वहीँ दूसरी तरफ इसने व्यवसायों की प्रतिस्पर्धा बढा दी है।
वैश्वीकरण निबंध, essay on globalisation in hindi language (150 शब्द)
आज के युग में व्यवसाय तेजी से बढ़ रहे हैं और ये केवल एक देश में सीमित न होकर कई देशों तक अपनी पहुँच बना रहे हैं। व्यवसाय का एक देश से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति बनाना ही वैश्विकरणर कहलाता है। वैश्वीकरण या भूमंडलीकरण सामान्यतः अपने व्यवसाय के सेवा क्षेत्र को दुसरे देशों तक बढ़ाना है। यदि कोई व्यवसाय अपने काम को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाता है और किसी दुसरे राष्ट्र में स्थापित करता है तो इसके लिए बहुत बड़ा अंतर्राष्ट्रीय निवेश चाहिए होता है। हालंकि इससे बहुत फायदे होते हैं।
वैश्वीकरण एक व्यवसाय या कंपनी पर कई तरह से असर करता है। सबसे अहम् होता है की इससे एक व्यवसाय के अधिक ग्राहक बनते हैं क्योंकि यह अपने देश के साथ साथ दुसरे देशों में भी पाने उत्पाद पहुंचा सकता है। इसके साथ ही यदि चीन जैसे देशो में यदि कोई व्यवसाय को स्थापित करता है तो वहां के सस्ते श्रमिक दर का फायदा मिलता है और इससे उत्पादन लागत में कमी आती है। अतः वैश्वीकरण व्यवसाय के लिए लाभकारी है।
वैश्वीकरण निबंध, globalisation essay in hindi (200 शब्द)
जब हम किसी वस्तु को पूरे विश्व तक पहुंचाते हैं तो उसे उस वस्तु का वैश्वीकरण कहते हैं। इसे हम समय क्षेत्र और राष्ट्रीय क्षेत्र से मुक्त एक स्वतंत्र और परस्पर बाज़ार का निर्माण करना भी कह सकते हैं। यदि उदाहरण के रूप में देखें तो डोमिनोस पिज़्ज़ा का आज दुनिया के अधिकतर देशों में होना वैश्वीकरण का जीता जागता उदारहण है। इसने एक देश से शुरुआत की थी और अब यह कितने ही देशों में है। यह केवल इसकी स्ट्रेटेजी की वजह से ही हो पाया है। एक व्यवसाय को इतने बड़े स्तर पर विकसित होने के लिए बेहतर रणनीति की सख्त ज़रुरत होती है।
हालांकि यह निर्धारित करना की वैश्वीकरण एक दश के लिए लाभकारी है या हानिकारक, यह थोडा मुश्किल है। यदि हम लाभ देखें तो इससे व्यवसाय को नए नए अवसर मिलते हैं और इसके साथ ही एक देश के ग्राहकों के पास ज्यादा विकल्प हो जाते हैं। इसके साथ ही यदि इसके एक देश पर नुक्सान देखा जाए तो हम देखते हैं की एक अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय का एक देश में आने की वजह से उस देश के व्यवसायों की प्रतिस्पर्धा बढती है जिससे उनके राजस्व पर प्रभाव पड़ता है। अतः इस प्रकार वैश्वीकरण देश के लिए लाभप्रद और हानिकारक है।
वैश्वीकरण निबन्ध, globalization essay in hindi (250 शब्द)
पिछले कुछ दशकों में वैश्वीकरण बहुत तेजी से हुआ है जिसके परिणामस्वरूप प्रौद्योगिकियों, दूरसंचार, परिवहन, आदि में उन्नति के माध्यम से दुनिया भर में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक एकीकरण हुआ है।
हालांकि इसने मानव जीवन को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरीकों से प्रभावित किया है; इसके नकारात्मक प्रभावों को इसके अनुसार संबोधित करने की आवश्यकता है। वैश्वीकरण ने कई सकारात्मक तरीकों से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में बहुत योगदान दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकियों में अविश्वसनीय उन्नति ने व्यवसायों को प्रादेशिक सीमाओं के बाहर भी आसानी से फैलने का अद्भुत अवसर दिया है।
वैश्वीकरण के कारण ही, कंपनियों की भारी आर्थिक वृद्धि हुई है। वे अधिक दक्ष रहे हैं और इस तरह उन्होंने अधिक प्रतिस्पर्धी दुनिया को जन्म दिया है। उत्पादों, सेवाओं आदि की गुणवत्ता में में प्रतिस्पर्धा की वजह से विकास हुआ है। विकसित देशों की सफल कंपनियां अपने घरेलू देशों की तुलना में कम लागत वाले श्रम के माध्यम से स्थानीय स्तर पर लाभ लेने के लिए अपनी विदेशी शाखाएं स्थापित कर रही हैं। इस प्रकार की व्यावसायिक गतिविधियाँ विकासशील या गरीब देशों के लोगों को रोजगार दे रही हैं और इस प्रकार आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं।
वैश्वीकरण के सकारात्मक पहलुओं के साथ, नकारात्मक पहलू भी भूलने योग्य नहीं हैं। एक देश से दूसरे देश में परिवहन के माध्यम से महामारी संबंधी बीमारियों का खतरा रहा है। हालांकि, मानव जीवन पर इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए वैश्वीकरण पर सभी देशों की सरकार का उचित नियंत्रण रहा है।
भूमंडलीकरण पर निबन्ध, globalization essay in hindi (300 शब्द)
वैश्वीकरण परिवहन, संचार और व्यापार के माध्यम से विज्ञान, प्रौद्योगिकी, व्यवसाय आदि के प्रसार की एक प्रक्रिया है। वैश्वीकरण ने दुनिया भर में लगभग सभी देशों को सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से भी प्रभावित किया है। वैश्वीकरण एक शब्द है जोकी तेजी से व्यापार और प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में देशों के एकीकरण और अन्योन्याश्रय को जारी रखने का संकेत देता है। वैश्वीकरण का प्रभाव परंपरा, पर्यावरण, संस्कृति, सुरक्षा, जीवन शैली और विचारों पर देखा गया है। दुनिया भर में वैश्वीकरण के रुझानों को प्रभावित करने वाले कई कारक हैं।
वैश्वीकरण में तेजी का कारण लोगों की मांग, मुक्त-व्यापार गतिविधियों, दुनिया भर में बाजारों की स्वीकृति, उभरती हुई नई प्रौद्योगिकियां, विज्ञान में नए शोध आदि हैं, क्योंकि वैश्वीकरण का पर्यावरण पर भारी नकारात्मक प्रभाव है और विभिन्न पर्यावरण को जन्म दिया है।
जल प्रदूषण, वनों की कटाई, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, जल संसाधनों के प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता हानि, आदि जैसे सभी बढ़ते पर्यावरणीय मुद्दों को अंतरराष्ट्रीय प्रयासों द्वारा तत्काल आधार पर हल करने की आवश्यकता है अन्यथा वे भविष्य में एक दिन पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व को समाप्त कर सकते हैं।
एप्पल कंपनी ने भी भूमंडलीकरण के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और सकारात्मक प्रभावों को बढाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है।
लगातार बढ़ती जनसंख्या की बढ़ती माँगों के कारण वनों की कटाई जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं और इससे पर्यावरण का स्तर गिर रहा है। पिछले वर्षों में लगभग आधे उपयोगी वन काट दिए गए हैं। इसलिए इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए वैश्वीकरण को नियंत्रण में लाने की आवश्यकता है।
वैश्वीकरण पर निबन्ध, essay on globalisation in hindi (400 शब्द)
प्रस्तावना :
वैश्वीकरण अंतर्राष्ट्रीय व्यवसायों के लिए व्यवसायों को खोलने, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी विकास, अर्थव्यवस्था आदि में सुधार करने का एक तरीका है। यह उत्पादों या वस्तुओं के निर्माताओं और उत्पादकों के लिए अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर बिना किसी प्रतिबंध के बेचने का तरीका है।
यह व्यवसायियों को भारी लाभ प्रदान करता है क्योंकि उन्हें वैश्वीकरण के माध्यम से गरीब देशों में आसानी से कम लागत का श्रम मिलता है। यह दुनिया भर के बाजार से निपटने के लिए कंपनियों को एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। यह किसी भी देश को किसी भी देश में व्यवसाय, स्थापित करने या विलय करने, इक्विटी शेयरों में निवेश, उत्पादों या सेवाओं की बिक्री की सुविधा प्रदान करता है।
वैश्वीकरण क्या है ?
वैश्वीकरण पूरी दुनिया को एकल बाजार के रूप में विकसित करता है। व्यापारी दुनिया को एक वैश्विक गांव के रूप में केंद्रित करके अपने क्षेत्रों का विस्तार कर रहे हैं।
1990 के दशक से पहले, कुछ उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध था, जो भारत में पहले से ही निर्मित हो रहे थे जैसे कि कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग सामान, खाद्य पदार्थ, प्रसाधन आदि, हालांकि, 1990 के दशक के दौरान विश्व व्यापार संगठन, विश्व बैंक पर अमीर देशों का दबाव था। (विकास वित्तपोषण गतिविधियों में लगे हुए), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष अन्य देशों को गरीब और विकासशील देशों में व्यापार और बाजार खोलकर अपने व्यापार को फैलाने की अनुमति देता है। भारत में वैश्वीकरण और उदारीकरण की प्रक्रिया 1991 में केंद्रीय वित्त मंत्री (मनमोहन सिंह) के अधीन शुरू हुई थी।
कई वर्षों के बाद, वैश्वीकरण ने भारतीय बाजार में बड़ी क्रांति ला दी जब बहुराष्ट्रीय ब्रांड जैसे पेप्सिको, केएफसी, मैक डोनाल्ड, बूमर च्यूइंग गम, आईबीएम, नोकिया, एरिक्सन, ऐवा आदि आदि भारत में आए और सस्ते दामों पर कई तरह के गुणवत्तापूर्ण उत्पाद देने लगे। सभी प्रमुख ब्रांडों ने औद्योगिक क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में जबरदस्त वृद्धि के रूप में यहां वैश्वीकरण की वास्तविक क्रांति को दिखाया। बाजार में चल रही गला काट प्रतियोगिता के कारण गुणवत्ता वाले उत्पादों की कीमतें कम हो रही हैं।
भारतीय बाजार में व्यवसायों का वैश्वीकरण और उदारीकरण, गुणवत्ता वाले विदेशी उत्पादों की भरमार कर रहा है, लेकिन यह साथ में स्थानीय भारतीय उद्योगों को काफी हद तक प्रभावित भी कर रहा है, जिससे गरीब और अशिक्षित श्रमिकों की नौकरी छूट गई है।
वैश्वीकरण का असर :
- वैश्वीकरण ने भारतीय छात्रों और शिक्षा क्षेत्रों को काफी हद तक प्रभावित किया है, जो अध्ययन की किताबें और इंटरनेट पर भारी जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ विदेशी विश्वविद्यालयों के सहयोग ने शिक्षा उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाया है।
- सामान्य दवाओं, स्वास्थ्य निगरानी इलेक्ट्रॉनिक मशीनों, आदि के वैश्वीकरण से स्वास्थ्य क्षेत्र भी बहुत प्रभावित होते हैं। कृषि क्षेत्र में व्यापार के वैश्वीकरण ने रोग प्रतिरोधक संपत्ति वाले विभिन्न गुणवत्ता वाले बीजों को लाया है। हालांकि यह महंगे बीज और कृषि प्रौद्योगिकियों के कारण गरीब भारतीय किसानों के लिए अच्छा नहीं है।
- इसने कुटीर, हथकरघा, कालीन, कारीगरों और नक्काशी, सिरेमिक, आभूषण और कांच के बने पदार्थ आदि के कारोबार के प्रसार से रोजगार क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति ला दी है।
निष्कर्ष :
वैश्वीकरण ने विकासशील देशों के साथ-साथ बड़ी आबादी को रोजगार के लिए सस्ती कीमत वाले उत्पादों और समग्र आर्थिक लाभों की विविधता ला दी है। हालाँकि, इसने प्रतिस्पर्धा, अपराध, राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों, आतंकवाद आदि को जन्म दिया है, इसलिए, यह सकारात्मक के साथ साथ नकारात्मक असर भी लेकर आया है।
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