Sun. Nov 17th, 2024
    यूएन की रिपोर्ट

    संयुक्त राष्ट्र की सोमवार की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वर्ष वैश्विक स्तर पर 82.1 करोड़ लोग भुखमरी से प्रभावित हुए हैं। तीसरी दफा सिलसिलेवार इस संख्या में इजाफा हुआ है। दशको से गिरने के बाद साल 2015 में कुपोषण की संख्या में वृद्धि हुई थी और इसका प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन और जंग है।

    इस ट्रेंड को परिवर्तित करना यूएन के साल 2030 के सतत विकास लक्ष्यों में से एक है, जिसका मकसद प्लानेट और उसके लोगो में सुधार करना है। एक ऐसे विश्व की कामना है जहां कोई भी भूख से नहीं जूझ रहा हो और यह एक बड़ी चुनौती होगी। पर्याप्त भोजन न करने वालो की संख्या में साल 2017 में वृद्धि हुई है।

    विश्व खाद्य कार्यक्रम के प्रमुख डेविड बेअस्ले ने कहा कि “हम साल 2030 तक शून्य भुखमरी के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकेंगे। यह एक बुरा ट्रेंड है बिना खाद्य सुरक्षा के हम कभी शांति और स्थिरता नहीं ला पाएंगे।” उन्होंने तंज करते हुए कहा कि मीडिया का फोकस ब्रेक्सिट और डोनाल्ड ट्रम्प पर हिया और बच्चे भूख से बिलखकर मर रहे हैं।”

    उन्होंने चेतावनी दी कि चरमपंथी समूह भुखमरी का इस्तेमाल और खाद्य पदार्थो के निर्यात का इस्तेमाल समुदायों को विभाजित करने और नए सदस्यों को भर्ती करने के लिए कर रहा है।

    यूएन फ़ूड एंड एग्रीकल्चर आर्गेनाईजेशन और अन्य यूएन के विभागों ने संयुक्त रूप से “द स्टेट ऑफ़ फ़ूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन इन द वर्ल्ड” की रिपोर्ट को बनाया था। विश्व में सबसे गरीब लोगो को शामिल करने के लिए एक “संरचनात्मक परिवर्तन” की जरुरत है।

    अफ्रीका में व्यापक कुपोषण

    अफ्रीका में कुपोषण बरक़रार है और करीब 20 फीसदी जनता इससे प्रभावित है और एशिया में 12 फीसदी से अधिक लोग इससे पीड़ित है। लैटिन अमेरिका और कैरिबियाई में सात प्रतिशत से कम लोग इससे प्रभावित हैं। खाद्य असुरक्षा ने दो अरब लोगो को प्रभावित किया  है। इसमें आठ प्रतिशत उत्तरी अमेरिका और यूरोप से हैं, जिनके समक्ष नियमित तौर पर पर्याप्त पोषण, सुरक्षा भोजन तक पंहुच का जरिया नहीं होता है।

    एफएओ ने कहा कि “साल 2030 तक अल्प पोषण से बच्चो की वृद्धि में रूकावट की संख्या अआधे करने का लक्ष्य के लिए मौजूदा प्रयास अपर्याप्त है।” फ़ूड एंड क्लाइमेट पुलिस के प्रमुख रोबिन विल्लौघब्य ने कहा कि भुखमरी में वृद्धि से सबसे बड़ी चोट महिलाओं को लगी है।

    उन्होंने कहा कि “अगर हमें साल 2030 तक भुखमरी को खत्म करने के लक्ष्य को हासिल करना है तो सरकार को ग्रीनहाउस उत्सर्जन को रोकना होगा, छोटे स्तर की कृषि को मदद मुहैया करनी होगी और हिंसक संघर्षों को खत्म करने के लिए प्रयासों को बढ़ाना होगा।”

    विश्व में करीब 14.9 करोड़  बच्चे भूख से सम्बंधित कद छोटे होने की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके आलावा यूएन के रिपोर्ट के मुताबिक, मोटापा और अत्यधिक वजन दोनों क्षेत्रो में वृध्दि हुई है, इससे स्कूल जाने  वाले बच्चो और व्यसक प्रभावित है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *