Fri. Dec 27th, 2024
    पीओके में प्रदर्शन

    पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रदर्शन किया गया था। इस्लामाबाद सरकार द्वारा झेलम नदी के बहाव को मोड़ने और नीलम नदी पर हाइड्रो प्रोजेक्ट के निर्माण करने के निर्णय के खिलाफ प्रदर्शन किया गया है। प्रदर्शनकारी 72 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्होंने पाकिस्तान के वॉटर एंड पॉवर डेवलपमेंट अथॉरिटी के खिलाफ नारे लगाए थे।

    एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि “जब सरकार ने नीलम नदी के बहाव को मोड़ा था, उस समय किये गए वादों को अभी तक पूरा नहीं किया गया है। इन वादों को डब्ल्यूएपीडीए और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर की सरकार को पूरा करना चाहिए था। अब अगर झेलम नदी के जल को भी मोड़ दिया जायेगा तो मुजफ्फराबाद शहर में सूखा पड़ जायेगा।”

    मुजफ्फराबाद के निवासी चाहते हैं कि नदी के जल स्तर को अंतर्राष्ट्रीय तय मानकों के मुताबिक ही सुधारना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाये कि पाकिस्तान की सरकार पारिस्थितिकी के नुकसान में पूरी तरह से शामिल है, पर्यावरण के संरक्षण के लिए नदियों पर कार्य करना जरुरी है।

    सरकार के खिलाफ आंदोलन की शुरुआत कुछ लोगो ने की थी। नेताओं ने सरकार के निर्दयी निर्णय के खिलाफ एकजुट होकर प्रदर्शन की मांग की थी। हालाँकि जिन लोगो को पाकिस्तान ने कभी बराबर का हक़ नहीं दिया था, उन्हें अब सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं है।

    नीलम नदी पर निर्माधीन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट ने कई लोगो को जिंदगियों को प्रभावित किया है, इसके कारण बड़े स्तर पर लोगो ने अन्य स्थानों पर पलायन भी किया है। अब झेलम नदी पर कोहला प्रोजेक्ट के निर्माण का प्रस्ताव दिया गया है और इससे आम लोगो का जीवनयापन जटिल हो जायेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *