वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो की सरकार और विपक्ष के नेता जुआन गाइडो की टीम ने देश के संकट के समाधान के लिए बातचीत की प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया है। इस मामले से सम्बंधित तीन लोगो ने शनिवार को इसके जानकारी दी थी।
सरकार और विपक्षियों के बीच मुलाकात
तीन सूत्रों ने रायटर्स को बताया कि दोनों पक्षों ने अभी यह निर्णय नहीं लिया है कि वे ओस्लो में मुलाकात करेंगे या बारबाडोस में करेंगे। वार्ता की शुरुआत अगले सप्ताह से होगी। नॉर्वे की सरकार ने दोनों पक्षों को मई में ओस्लो में मुलाकात के लिए प्रोत्साहित किया था।
दोनों पक्ष इस मुलाकात में किसी समझौते पर पंहुचने में असमर्थ रहे थे। वेनेजुएला में आर्थिक और राजनीतिक संकट बरक़रार है और इस कारण 40 लाख लोग विदेशों की तरफ भागे हैं। मादुरो और गाइडो के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत की जानकारी बहुत कम ही जारी की गयी है।
वेनेजुएला की स्थिति
वेनेजुएला जनवरी के बाद से अपने सबसे बुरे राजनीतिक और आर्थिक तनाव से गुजर रहा है। विपक्ष के नेता जुआन गाइडो ने खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था जिसके बाद देश से में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।
गाइडो ने शुक्रवार को ट्वीटर पर कहा था कि “अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय नेताओं के साथ चर्चा के नए चरण के लिए उन्हें उनके सहयोगियों का समर्थन मिला है। हालाँकि इसके बारे में अधिक जानकारी मुहैया नहीं की थी।”
आर्गेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले वर्ष तक वेनेजुएला से लोगो के पलायन की संख्या 80 लाख तक पंहुच जाएगा और यह प्रवासी संकट विश्व का सबसे बड़ा संकट बन जायेगा।
जनवरी 2017 में सत्ता में आने के बाद ट्रम्प सरकार ने काराकास पर दबाव काफी बढ़ा दिया है और 100 से अधिक वेनेजुएला के अधिकारियों और मादुरो के करीबियों मसलन, उनकी पत्नी, प्रथम महिला सिलिया फ्लोर्स पर आर्थिक प्रतिबन्ध लागू किये हैं।