वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने सोमवार को ऐलान किया था कि उनकी सरकार और विपक्ष के बीच कैरिबियाई द्वीप के बारबाडोस में बातचीत की शुरुआत करेंगे। वेनेजुएला में सरकार और विपक्ष के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष जारी है और इससे तनाव काफी गहराया हुआ है।
सरकार-विपक्ष का वार्ता का सिलसिला शुरू होगा
मादुरो ने स्टेट टेलीविज़न से कहा कि “8 जुलाई को वेनेजुएला के विपक्षियों के साथ बातचीत का सिलसिला बारबाडोस के द्वीप पर नॉर्वे की सरकार की मौजूदगी में शुरू हो जायेगा। यह एक प्रोत्साहित शुरुआत है। बातचीत के दिन मुझे प्रतिनिधि समूह के नेतृत्व की तरफ से सन्देश आ गया था।”
जनवरी से लैटिन अमेरिकी राष्ट्र अस्थिर राजनीतिक और आर्थिक हालातो से जूझ रहा है। विपक्षी नेता जुआन गुइडो ने खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था। उन्होंने समूचे देश में मादुरो के खिलाफ प्रदर्शन किया था और उनके इस्तीफे की मांग की थी।
रूस, चीन और तुर्की जैसे देश सत्ताधारी राष्ट्रपति मादुरो का समर्थन कर रहे हैं और इन्होने देश में बाहरी दखलंदाज़ी की आलोचना की है। विपक्षी नेता को अमेरिका साहिर 50 पश्चिमी देशों का समर्थन है। रिपोर्ट के मुताबिक, वेनेजुएला में अन्य व्यापक स्तर पर मानव अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, कराकास के आंकड़ो के अनुसार करीब 7000 लोगो को सुरक्षा कारणों से वेनेजुएला में बीते डेढ़ वर्षों में मौत हुई थी। अगले वर्ष तक वेनेजुएला से लोगो के पलायन की संख्या 80 लाख तक पंहुच जाएगा और यह प्रवासी संकट विश्व का सबसे बड़ा संकट बन जायेगा।
नॉर्वे की सरकार ने दोनों पक्षों को मई में ओस्लो में मुलाकात के लिए प्रोत्साहित किया था। दोनों पक्ष बीती मुलाकात में किसी समझौते पर पंहुचने में असमर्थ रहे थे। वेनेजुएला में आर्थिक और राजनीतिक संकट बरक़रार है और इस कारण 40 लाख लोग विदेशों की तरफ भागे हैं।