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    रूस का ध्वज

    वेनेजुएला में जारी राजनीतिक संकट पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में रूस शामिल नहीं होगा। यह आयोजन 6 अगस्त को पेरू की राजधानी लिमा में होगा।

    रूस के के विदेश मंत्रालय बयान में कहा कि “लिमा में आयोजित सम्मेलन के आयोजनकर्ताओं के उद्देश्यों और लक्ष्यों का हमने सावधानीपूर्वक मूल्यांकन किया है और इस पर लैटिन अमेरिकी साझेदारो और अन्य देशो के कई प्रतिनिधियों के साथ इस पर चर्चा की है। इसके परिणाम में रुसी पक्ष को इस सम्मेलन पर कई गंभीर संदेह है।”

    बगैर वेनेजुएला की सरकार के सम्मेलन का क्या उद्देश्य

    मंत्रालय ने कहा कि “हम इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं है कि इस सम्मेलन में वेनेजुएला के लोकतंत्र की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी लेकिन इसमें वेनेजुएला की निकोलस मादुरो की सरकार प्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं किया गया है। एक दिन की मुलाकात में 100 लोग शिरकत करेंगे लेकिन वे देश की असल समस्याओं के समाधान को ढूँढने के लिए वास्तविक मदद पर राज़ी नहीं होंगे।”

    मंत्रालय ने कहा कि “इस पर नजरिये के बाद और हालातो को सावधानी पूर्वक तोलने के बाद हम इस निष्कर्ष पर पंहुचे हैं कि हमें इस सम्मेलन में शामिल होने से दूसर रहना चाहिए। पेरू के विदेश मंत्रालय से लिमा में रुसी मामलो के सहयोगी ने संपर्क के बाद भी हमारा निर्णय यही है।”

    वेनेजुएला कई महीनो से आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। हालत तब ज्यादा बिगड़ गए जब अमेरिका ने वेनेज्जुएला पर विभिन्न प्रतिबंधों को थोप दिया था। गुइडो ने खुद को जनवरी में देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था जिसके बाद देश में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल उत्पन्न कर दिया था। गुइडो को तत्काल अमेरिका सहित 50 पश्चिमी देशों ने समर्थन दिया था।

    नॉर्वे की सरकार ने दोनों पक्षों को मई में ओस्लो में मुलाकात के लिए प्रोत्साहित किया था। दोनों पक्ष बीती मुलाकात में किसी समझौते पर पंहुचने में असमर्थ रहे थे। वेनेजुएला में आर्थिक और राजनीतिक संकट बरक़रार है और इस कारण 40 लाख लोग विदेशों की तरफ भागे हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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