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    रेड क्रॉस सोसाइटी

    रेड क्रॉस ने शुक्रवार को कहा कि “संकट से जूझ रहे वेनेजुएला में राजनीतिक दखलंदाज़ी के खतरे के बावजूद वह दो हफ़्तों में निष्पक्षता से राहत सामग्री का वितरण करना शुरू करेंगे। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो और उनके चीर प्रतिद्वंदी जुआन गुइदो के बीच राजनीतिक रस्साकस्सी का दौर चल रहा है और जनता में कुपोषण व रोगों में वृद्धि हो रही है। लैटिन अमेरिकी राष्ट्र में आर्थिक संकट काफी उभरा गया है।

    15 दिनों में मदद का वितरण शुरू होगा

    इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ रेड क्रॉस सोसाइटी एंड रेड क्रिसेंट के प्रमुख फ्रांसेस्को रोका ने कहा कि “अनुमान के अनुसार 15 दिनों के अंतराल के बाद हम मदद के लिए तैयार होंगे। कराकस में स्थित संस्था अप्रैल के मध्य से ही अमेरिकी भोजन और दवाइयां वितरित करना शुरू कर देती लेकिन राष्ट्रपति मादुरो ने इसे वेनेजुएला में प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी। यह माल हफ़्तों तक कोलंबिया और ब्राज़ील की सीमाओं पर पड़ा रहा था।”

    रेड क्रॉस शुरुआत में 650000 लोगों तक पंहुचेगी, जो अपने निपक्षता, तटस्थता और स्वतंत्रता के सिद्धांत पर आधारित होगा। उन्होंने कहा कि “इसमें किसी का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं होगा।”

    चीन की मदद

    रायटर्स के मुताबिक शुक्रवार को एक चीनी विमान 65 टन मेडिकल सामग्री लेकर वेनेजुएला में लैंड किया था। मादुरो सरकार ने अमेरिकी सरकार पर जीत का जश्न मनाया। समाजवादी नेता अमेरिका को आर्थिक संकट का कसूरवार मानते हैं। मादुरो ने सेना प्रमुख की वफादारी के लिए उनका धन्यवाद किया। बीते हफ्ते 100 रुसी सैनिक वेनेजुएला में आये थे।

    वेनेजुएला के उप राष्ट्रपति तारेक इल एस्सामि ने विपक्षी नेता गुइदो की तरफ इशारा करते हुआ कहा कि “हमने अमेरिका की कथित कब्जे और यहां मौजूद उनकी कठपुतली से आज़ादी हासिल कर ली है।” चीनी विमान के बाबत उन्होंने कहा कि “यह अभी पहला कार्गो है। इसमें अनलजेसिक्स, सर्जिकल उपकरण और कई बिमारियों की दावाइयाँ है।” चीनी राजदूत ने कहा कि यह पूर्व में हुए समझौते का भाग है।

    भारत भी कर रहा सहयोग

    वेनेजुएला मामले में एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी नें भारत की प्रशंसा करते हुए कहा है कि भारत इस मामले में अमेरिका की काफी मदद कर रहा है।

    वेनेजुएला में अमेरिकी प्रतिनिधि इलियट अब्राहम्स ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा,

    मैं कहना चाहता हूँ कि हमनें भारत सरकार और भारतीय कंपनियों से इस बारे में बात की है। भारतीय कंपनियां वेनेजुएला मामले में हमारी मदद करने को राजी हैं और यह एक अच्छी खबर है।

    जाहिर है इस महीने के शुरुआत में अमेरिका नें कई देशों से वेनेजुएला से तेल आयात करने से मना किया था।

    रायटर्स के मुताबिक अमेरिकी प्रतिनिधि इलियट अब्राहम्स नें कहा था कि अमेरिका भारत पर वेनेजुएला से तेल ना खरीदने का दबाव बना रहा है।

    उन्होनें कहा था कि डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन यह कोशिश कर रहा है कि वेनेजुएला की निकोलस मदुरो सरकार पर दबाव बनाने के लिए उनपर आर्थिक प्रतिबन्ध लगाने की जरूरत है।

    अमेरिका के इस प्रस्ताव के बाद कई भारतीय कंपनियों नें वेनेजुएला से तेल आयात पर रोक लगा दी है।

    इसके बाद वेनेजुएला नें भी अधिकारिक रूप से घोषणा कर दी थी कि उन्होनें भारतीय कंपनियों को तेल निर्यात करना बंद कर दिया है।

    इससे पहले आपको बता दें कि वेनेजुएला तेल के मामले में भारत का एक अहम् साझेदार था। फरवरी के महीनें में वेनेजुएला नें भारत को प्रतिदिन लगभग 297,000 बैरल क्रूड निर्यात किया था। इससे पहले जनवरी में भारत नें प्रतिदिन लगभग 342,000 बैरल तेल वेनेजुएला से आयात किया था।

    अमेरिका और विपक्ष नेता मुसीबत की वजह

    अमेरिकी प्रयासों का नेतृत्व करने वाले इलियट अब्राम्स ने रेड क्रॉस सोसाइटी की पहला की सराहना की है और इसका क्रेडिट गुइदो की अपील को दिया है। अब्राम्स ने वांशिगटन में पत्रकारों से कहा कि “हम इसका स्वागत करते हैं और उम्मीद है कि या काम करेगा। वेनुजुएला की जनता तक पहुँचने के इस तरीके ऐसे अमेरिकी राष्ट्र बेहद प्रसन्न होगा।”

    समाजवादी नेता ने कहा कि “अमेरिका की राहत सामग्री उसकी सेना की चढ़ाई की अग्रदूत हो सकती थी। यह बेहद राजनीतिकरण का मसला है। अगर वह मदद हमारे नियमों और प्रोटोकॉल्स के मुताबिक होता तो निसंदेह हम उसका वितरण करने के इच्छुक होते।”

    यूएन की आंतरिक रिपोर्ट के अनुसार, वेनेजुएला की जनसँख्या के 24 फीसद यानी 70 लाख लोगों को तत्काल मानवीय सहायता की जरुरत है। जनता में कुपोषण और बिमारियों में इजाफा होता जा रहा है। वेनुजुएला की सरकार ने आर्थिक संकट के लिए अमेरिका और विपक्षी नेता गुइदो को दोषी करार दिया था।

    रिपोर्ट के अनुसार, साला 2018 में वेनेजुएला की 94 फीसदी जनता गरीबी में जीवन यापन कर रही है, जबकि 60 प्रतिशत भीषण गरीबी से जूझ रही है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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