अमेरिकी सरकार ने वेनेजुएला (Venezuela) के राष्ट्रपति के बेटे निकोलस अर्नेस्टो मादुरो गुएरा पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इसका कारण उनके पिता की सरकार में भ्रष्टाचार में गुएरा का समर्थन है। ट्रेजरी के सचिव स्टीवन मेनुचिन ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि “राष्ट्रपति निकोलस मादुरो अपने बेटे निकोलसिटो व अन्य लोगों पर भरोसा करते हैं, जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था पर एक मज़बूत पकड़ बनायीं हुई है और वेनेजुएला के आवाम को दबाने के लिए सत्ता का दुरूपयोग कर रहे हैं।”
29 साल का निकोलसिटो अमेरिका द्वारा “नाजायज” माने जाने वाले नेशनल कांस्टीट्यूएंट असेंबली के सदस्य है और साल 2015 में उन्हें उनके पिता ने प्रेसीडेंसी के इंस्पेक्टर कोर के अध्यक्ष के रूप में नामित किया था। मेनुचिन ने कहा कि “मादुरो का शासन कपटपूर्ण चुनावों की नींव से बना है और उनका आंतरिक भाग भ्रष्टाचार की आय से पटा पड़ा है जबकि जबकि वेनेजुएला के लोग जूझ रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि “अमेरिकी विभाग वेनेजुएला के अधिकारीयों के परिवारों को निशाना बनाना जारी रखेगा। वाशिंगटन के प्रतिबन्ध के तहत अमेरिकी अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी संपत्ति को नियंत्रण में लिया जायेगा और सभी अमेरिकी संगठनों और कंपनियों को वेनेजुएला में व्यापार को रोका जायेगा।
जनवरी 2017 में सत्ता में आने के बाद ट्रम्प सरकार ने काराकास पर दबाव काफी बढ़ा दिया है और 100 से अधिक वेनेजुएला के अधिकारियों और मादुरो के करीबियों मसलन, उनकी पत्नी, प्रथम महिला सिलिया फ्लोर्स पर आर्थिक प्रतिबन्ध लागू किये हैं।
वेनेजुएला जनवरी के बाद से अपने सबसे बुरे राजनीतिक और आर्थिक तनाव से गुजर रहा है। विपक्ष के नेता जुआन गाइडो ने खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था जिसके बाद देश से में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।
जुआन गाइडो का अमेरिका सहित 50 राष्ट्रों ने समर्थन किया था। मादुरो ने आरोप लगाया कि उनके विरोधियों ने नाकाम तख्तापलट की कोशिश की थी।
आर्गेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले वर्ष तक वेनेजुएला से लोगो के पलायन की संख्या 80 लाख तक पंहुच जाएगा और यह प्रवासी संकट विश्व का सबसे बड़ा संकट बन जायेगा।