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    chile

    वेनेजुएला के करीब 200 प्रवासी देश में गरीबी के कारण अपने घरो को छोड़कर भाग गए थे और अब वे पेरू-चिली की सीमा पर फंस गए हैं। इस हफ्ते की शुरुआत में चिली में पनाह देने से इंकार कर दिया था। वेनेजुएला में अभी आर्थिक और राजनीतिक संकट बरक़रार है।

    रायटर्स के मुताबिक चिली के आंतरिक मंत्री अनड्रेस चाडविक ने स्थानीय प्रेस से कहा कि “जिनकी कानूनी औपचारिक्ताएं पूरी है सिर्फ वे ही देश में प्रवेश कर सकते हैं, मूल और राष्ट्रीयता से कोई फर्क नहीं पड़ता है। लैटिन अमेरिका आप्रवासियों के संकट के गिरफ्त में हैं।

    लाखों की तादाद में गरीबी और हिंसा के कारण मध्य अमेरिका और वेनेजुएला से लोग भागकर अन्य देशों में पनाह लेते हैं।अमेरिका ने सरकारों से अमेरिकी सीमा पर आने वाले आप्रवासियों की संख्या को कम करने का आग्रह किया है। प्रवासी समर्थन संघठन के आंकलन के मुताबिक इसकी संख्या 200 है।

    वेनेजुएला के ऐडा गुआकारा ने कहा कि “हमारे चिली में रिश्तेदार रहते हैं। अगर विभाग देश में प्रवेश की अनुमति नहीं देते तो हमे नहीं मालूम कि हम क्या करेंगे।” विश्व की खनन ताकत चिली की तेल उत्पादक वेनेजुएला से काफी मज़बूत अर्थव्यवस्था है।

    उन्होंने कहा कि “हम आठ दिनों से अधिक से यात्रा कर रहे हैं। हम यहां जमीन के रस्ते पंहुचे हैं।” जेसुइट माइग्रेंट सर्विस ऑफ़ चिली के डायरेक्टर जोसे टॉमस विकुनै ने सोशल मीडिया पर कहा कि “प्रवासी उस क्षेत्र में फंस गए हैं, इसमें से कई बच्चे भी है और वहां स्वास्थ्य दिक्कते भी शुरू हो गयी है।”

    एक अन्य महिला ने कहा कि “हमने कल से कुछ नहीं खाया है, हमें जल्द ही चिली में प्रवेश मिलने की उम्मीद है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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