आर्गेनाइजेशन ऑफ अमेरिकन स्टेट की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले वर्ष तक वेनेजुएला (Venezuela) से लोगो के पलायन की संख्या 80 लाख तक पंहुच जाएगा और यह प्रवासी संकट विश्व का सबसे बड़ा संकट बन जायेगा।
समूह के आंकलन के मुताबिक, साल 2020 तक यह 75 लाख से 82 लाख तक पंहुच जाएगा। सीरिया से अब तक गृह युद्ध के कारण 67 लाख लोग भाग चुके है। वेनेजुएला से निर्वासित राजनेता डेविड स्मोलॉन्स्की ने कहा कि यह कोई आर्थिक या स्वेच्छा से प्रवास नही है। यह जबरन प्रवासन है।
यूएन के आंकलन कर अनुसार हालिया महीनों में 40 लाख लोग वेनेज़ुएला से भाग चुके है और इसका कारण महंगाई, हिंसा और भोजन व दवाईयों की देश मे कमी है।देश तबाही के दलदल में धंसता चला जा रहा है।
वेनेजुएला के नागरिकों के विस्थापन ने दक्षिणी अमेरिकी देशों में अस्थिरता और तनावग्रस्त माहौल बना दिया है। इस आंकड़े की अगले 18 महीनों में दोगुना होबे की संभावना है।
ट्रुम्प प्रशासन ने इसी दिन वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो के बेटे पर भी प्रतिबंध लगा दिए है ताकि नेता का समर्थन कर रहे परिवारों पर दबाव बनाया जा सके।
अमेरिका के ट्रेज़री विभाग ने शुक्रवार को 29 वर्षीय निकोलस अर्नेस्टो मादुरो को भ्रष्टाचार में राष्ट्रपति का साथ देने के लिए ब्लैकलिस्ट किया गया है। अर्नेस्टो वेनेज़ुएला की संविधान सभा के सदस्य है।
अमेरिका के बयान के मुताबिक, इस कार्रवाई के परिणाम स्वरूप अमेरिका में अमेरिकी व्यक्तियों के कब्जे में मादुरो के बेटे की जो संपत्ति है उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वांशिगटन मादुरो के अधिकारियों के परिवार के सदस्यों ले खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।
मादुरो के बेटे को साल 2014 में प्रेसीडेंसी के कोर ऑफ इंस्पेक्टर्स के प्रमुख के रुप में नामित किया गया था। दक्षिणी अमेरिकी राष्ट्र आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा है। विपक्ष के नेता जुआन गाइडो ने खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था जिसके बाद देश से में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।
जुआन गाइडो का अमेरिका सहित 50 राष्ट्रों ने समर्थन किया था। मादुरो ने आरोप लगाया कि उनके विरोधियों ने नाकाम तख्तापलट की कोशिश की थी।