नॉर्वे ने इस हफ्ते वेनेजुएला की सरकार और विपक्ष के प्रतिनिधियों के बीच शांतिपूर्ण एजेंडा को स्थापित करने का प्रयास था। राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने यह जानकारी साझा की थी। वेनेजुएला अभी महंगाई और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। नॉर्वे के विदेश मंत्रालय ने कहा कि “शुक्रवार को आयोजित वार्ता समन्वेशी चरण में हैं। विवाद में मध्यस्थता करने की नॉर्वे की परंपरा का भाग है।
दोनों पक्षों के प्रतिनिधि इस हफ्ते नॉर्वे पंहुचे थे और मतभेदों को कम करने के लिए एक नयी शुरुआत करने की कोशिश की गयी थी। जुआन गाइडो ने बीते माह विद्रोह को भड़काने की कोशिश की थी जिसमे वह नाकामयाब हुए थे और उन्होंने सेना से मादुरो को सत्ता से बाहर फेंकने की मांग की थी।
मादुरो के सरकार के खिलाफ विपक्ष के प्रदर्शन मे सैकड़ों लोगो की हत्या हुई है। आर्थिक मुसीबत ने 30 लाख वेनेजुएला की जनता को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। वहां के लिए अत्यधिक महंगाई, भोजन और दवाइयों की कमी के कारण देश से भाग रहे हैं।
सत्ताधारी समाजवादी पार्टी ने लम्बे समय से वार्ता के लिए तैयार होने की बात कही थी और इसका समर्थन किया था। लेकिन विपक्ष उलझन में था और उन्होंने कहा कि “पूर्व में भी मादुरो ने बातचीत का इस्तेमाल सत्ता पर बरक़रार रहनेकी रणनीति के तौर पर इस्तेमाल किया था।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि “नॉर्वे ने ऐलान किया था कि उनके वेनेजुएला में राजनीतिक प्रमुखों से संपर्क है जो समन्वेश चरण का भाग है।” जनवरी में सत्ता संघर्ष तब अधिक बढ़ गया जब जनवरी में विपक्ष के नेता जुआन गाइडो ने खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था।
अमेरिका और कई यूरोपीय देशों ने जुआन गाइडो को समर्थन किया था। लेकिन मादुरो ने सत्ता से हटने में जरा भी दिलचस्पी नहीं दिखाई और उन्हें सेना का भारी समर्थन प्राप्त है। इसके अलावा मादुरो के समक्ष रूस, चीन और क्यूबा का भी समर्थन है।
विपक्ष के नेता स्टालिन गोंज़ालेज़ और दो सलाहकारों ने गाइडो के पक्ष का प्रतिनिधित्व किया जबकि सूचना मंत्री जॉर्ज रियडरीगुएज़ ने ओस्लो में सरकार का पक्ष पेश किया था। इसके आलावा दोनों पक्षों ने अलग से नॉर्वे के मध्यस्थों से लेकिन सरकार और विपक्षियों के बीच कोई मुलाकात नहीं हुई थी। हालाँकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह मध्यस्थता जारी रहेगी या नहीं।
गाइडो ने गुरूवार को ट्वीट किया कि “इस विवाद के थमने के साथ ही एक नयी मध्यस्थता पहला शुरू होनी चाहिए। उनके इशारा मादुरो के इस्तीफे की तरफ था।” गाइडो ने कहा कि “वह यूरोपीय और लैटिन अमेरिकी देशों के राजदूतों से मुलाकात करेंगे। जो वेनेजुएला में कथित इंटरनरनशनल कांटेक्ट ग्रुप का भाग है।”