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    वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो

    वेनेज़ुएला की अर्थव्यवस्था ने अर्स से फर्श का सफर तय किया है। देश पर मानवीय संकट आन पड़ा है। अनातोली कुर्मांएव ने न्यूयॉर्क टाइम्स में एक लेख लिखा है जिसके तहत वेनेज़ुएला के आर्थिक हालात ज़िमवाम्बे, सोवियत संघ के विघटन से भी बुरे है।

    हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफ़ेसर के मुताबिक, गृह युद्ध के उपरान्त इस स्तर की मानवीय त्रासदी के बाबत सोचना मुश्किल है। अर्थशास्त्र जानकारों के मुताबिक, लीबिया में शुरुआती दशकों और 1970 में लेबनान में आर्थिक तबाही केे कुछ उदाहरणों को छोड़कर, सैन्य संघर्ष की वजह से देेेेश टूट गया हो।

    वेनुजुएला की अर्थव्यवस्था को घुटने पर लाने वाला राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का बदतर शासन, भ्रस्टाचार और भटकी हुई नीतियां थी। देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब होने पर हथियारबंद सैनिको ने शहरो, सार्वजानिक सुविधाओं पर नियंत्रण कर लिया।

    संकट को डोनाल्ड ट्रम्प के प्रतिबंधों ने अधिक गहरा दिया है ताकि मादुरो पर सत्ता छोड़ने के लिए दबाव बनाया जा सके। जनवरी में विपक्ष के नेता जुआन गाइडो ने खुद को देश का अंतरिम राष्ट्रपति घोषित कर दिया था  और इसके बाद देश में आर्थिक संकट का दौर भी शुरू हो गया था। उन्होंने सेना से मादुरो को सत्ता से उखाड़ फेंकने का आग्रह किया था।

    अमेरिका ने मौके को भुनाते हुए सबसे पहले जुआन गाइडो को अपना समर्थन दिया था और इसक बाद कई पश्चिमी देशों ने गाइडो का समर्थन किया था। मादुरो देश में व्यापक भूख और मेडिकल उपकरणों की कमी का जिम्मेमदार अमेरिका को ठहराते हैं लेकिन अर्थशास्त्रियों के मुताबिक देश में मंदी का दौर प्रतिबंधों से पहले ही शुरू हो गया था।

    मादुरो ने अपने समर्थकों से भाषण में कहा कि “हम अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों जंग लड़ रहे हैं जिससे हमें साल 2018 में 20 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। यह हमारे बैंक खातों और विदेशों में हमारे उत्पादों की खरीद पर निगाह बनाये हुए हैं और यह पाबन्दी से कई अधिक अत्याचार है।”

    आईएमएफ के मुताबिक वेनेजुएला में इस वर्ष महंगाई एक करोड़ प्रतिशत से बढ़ सकती है। 30 अप्रैल को गुइदो ने ऐलान किया कि वह ऑपेरशन फ्रीडम के पहले चरण के शुरुआत में हैं। वह मादुरो को सत्ता से बाहर निकालना चाहते हैं। हाल ही में मादुरो के समर्थकों और गाइडो के समर्थकों के बीच झड़प हो गयी थी। इस संघर्ष में करीब 71 लोग जख्मी हुए थे।

    न्यूयॉर्क टाइम्स के लेख के मुताबिक, वेनेजुएला का जीडीपी साल 2013 में मंदी की शुरुआत से 62 प्रतिशत सुकड़ गया है। वेनेजुएला की सरकार के प्रतिनिधि और विपक्षी प्रतिनिधियों के बीच ओस्लो में शान्ति वार्ता आयोजन हुआ था।

    पूर्व डिप्टी गेरार्डो ब्लीड, पूर्व मंत्री फर्नांडो मार्टिनेज़ मोटोला और संसद के उपाध्यक्ष स्टालिन गोंजालेस ने विपक्षियों का प्रतिनिधित्व किया था। कराकस में मादुरो ने कहा कि जॉर्ज रोड्रिगुएज विदेश में किसी महत्वपूर्ण अभियान के लिए गए हैं।

    जनवरी के अंत में नॉर्वे के विदेश मंत्री इने एरिक्सन सोरीदे ने कहा कि “उनका मुल्क योगदान के लिए तैयार है अगर और जब सभी पक्षों की ख्वाहिश होगी।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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