वेनेजुएला में साल 2018 का अंत 130060 फीसदी महंगाई से हुआ था। जबकि साल 2013 से 2018 तक अर्थव्यवस्था 47.6 प्रतिशत सिकुड़ी थी। तीन वर्षों के इस आंकड़े को केंद्रीय बैंक ने जारी किया था। आंकड़ों के अनुसार, साल 2016 में महंगाई का स्तर 274.4 फीसदी, साल 2017 में 862.6 फीसदी और साल 2018 में 130060 फीसदी तक पंहुची है।
यह बीते वर्ष के 1370000 प्रतिशत के अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के मूल्याङ्कन से दस गुना कम है। आईएमएफ के अनुसार साल 2019 में तेल संपन्न देश में 10000000 प्रतिशत महंगाई का आंकलन किया गया था। वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 96 प्रतिशत रेवेन्यू के तेल निर्यात में साल 2018 में 29.8 अरब डॉलर की गिरावट होगी। साल 2013 में इसमें 85.6 प्रतिशत और साल 2014 में इसमें 71.7 फीसदी की गिरावट आयी थी।
यह गिरावट देश में आर्थिक और राजनीतिक संकट के आने के बाद आई थी। साल 2016 की शुरुआत से तेल की कीमते गिरने लगी थी लेकिन वेनेजुएला में उत्पादन का स्तर गिर गया था। अप्रैल में वेनेजुएला में 10.3 लाख बैरल प्रतिदिन तेल का उत्पादन किया जा रहा था और इसके मुकाबले एक दशक पूर्व देश में प्रतिदिन 32 लाख बैरल का उत्पादन करता था।
वेनेजुएला के केंद्रीय बैंक ने तीन वर्षों पूर्व बिना किसी कारण के आधिकारिक आंकड़े मुहैया करने पर रोक लगा दी थी। आईएमएफ के जानकारों का आंकलन है कि वेनेजुएला में साल 2019 में महंगाई एक करोड़ फीसदी बढ़ जाएगी। यानी एक उत्पाद की कीमत एक डॉलर से बढ़कर एक करोड़ डॉलर हो जाएगी।
वेनेजुएला में साल 1958 से 1980 के दशक तक लोकतान्त्रिक सरकार की हुकूमत थी और यह देश दक्षिणी अमेरिका में सबसे अधिक अमीर राष्ट्र था। तेल कीमतों में साल 1980 गिरावट आना शुरू हुई और असफल आर्थिक नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था को धक्का लगा था।