वेनुजुएला में संकट का दौर जारी है और राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने कोलंबिया और ब्राज़ील से आने वाली मदद को रोकने के लिए सीमा पर के नजदीक शहरों पर नाकेबंदी कर दी है। इसके कारण देश में तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया है। इस दौरान रसद लेने पंहुचे लोगों पर सुरक्षाबलों ने रबर गोलियां व आंसू गैस के गोले दागे।
मानवधिकार समूहों के मुताबिक इस वक्त लोगों पर बारूद वाली गोलिया भी चलायी गई, जिसमे करीब दो लोगों की मौत हो गयी है। अमेरिकी रही सचिव माइक पोम्पिओ ने इस आक्रमण की निंदा की और मादुरो को इसका दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि “इस अपराध में मारे गए लोगों के प्रति मेरी सहानुभूति हैं और रसद जलाने की घटना बेहद आश्चर्यजनक है।”
कोलंबिया के साथ राजनयिक सम्बन्ध खत्म
निकोलस मादुरो ने कोलंबिया के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को तोड़ने का ऐलान किया है। खुद को वेनुजुएला का राष्ट्रपति घोषित करने वाले विपक्षी नेता जुआन गुइदो ने कहा कि लाखो स्वयंसेवक लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने का कार्य करेंगे, इसमें दवाइयां और खाद्य पदार्थ शामिल है।
वेनुजुएला और कोलंबिया की सीमा पर कार्रवाई की तस्वीरें आयी है जिसमे सुरक्षा बल कार्यकर्ताओं पर गोले दाग़ रहे हैं। दूसरी तरफ प्रदर्शनमकर्मी चौकियों, सुरक्षाबलों और दंगविरोधियों पर पत्थर फेंक रहे हैं।
निकोलस मादुरो ने ट्वीट कर एक खुशहाल जनता की तस्वीर जारी की और कहा कि यहाँ किसी जंग के आसार नहीं है। उन्होंने मानवीय सहायता के जरिये देश पर अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा आक्रमण करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प को हमारे देश से अपने हाथ हटा लेने चाहिए। उन्होंने विपक्षी नेता कठपुतली, अमेरिकी प्यादा, मसखरा और साम्राज्यवादी भिखारी तक कहा है।
वेनुजुएला का संकट
राष्ट्रपति मादुरो को सेना, रूस, चीन व दर्जनों अन्य राष्ट्रों का समर्थन प्राप्त है। वेनुजुएला आधुनिक दौर के सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। यह महंगाई ने रिकॉर्ड तोड़ एक करोड़ फीसदी उछाल मारी है। वेनुजुएला के राष्ट्रपति आर्थिक संकट के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मदद लेने को तैयार नहीं है और उनके मुताबिक उनका देश भिखारी नहीं है। राष्ट्रपति की लापरवाही और हटी रवैये के कारण कई छोड़ने पर मज़बूर होना पड़ा है। उनके खिलाफ देश में आक्रोश है, लोग उनकी गलत नीतियों और रवैये को इस आर्थिक संकट का जिम्मेदार मानते हैं।
वेनुजुएला के राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार को ‘चरमपंथियों का गुट’ कहा था और अमेरिका पर संकट का आरोप लगाया था। राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार और मानवधिकार उल्लघन के आरोप लगाए गए हैं। अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने वेनुजुएला के विपक्षी दल के नेता को देश का राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। हालाँकि भारत अमेरिकी राह पर नहीं चल रहा है। भारत और वेनुजुएला के काफी नजदीकी सम्बन्ध है।