भारत में ईरानी राजदूत अली चेगेनी ने सोमवार को उपराष्ट्रपति वैकेंया नायडू से मुलाकात की और द्विपक्षीय सबंधों व अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर चर्चा की थी। उपराष्ट्रपति ने ट्वीटर पर संदेश लिखकर कहा कि “इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के राजदूत अली चेगेनी से मेरी मुलाकात हुई, हमने वैश्विक आतंकवाद सहित कई मसलों पर चर्चा की थी।”
The Ambassador of the Islamic Republic of Iran to India, Dr. Ali Chegeni, calling on me, in New Delhi today.
We have discussed several issues including international terrorism, economic connectivity and people to people exchanges. @MEAIndia @embassy_iran pic.twitter.com/nAkUBLn2Nv— Vice President of India (@VPSecretariat) February 18, 2019
हाल ही में दोनों देशों ने आतंकवाद की पीड़ा सही है। भारत की तरह ही ईरान की सेना के काफिले पर भी आतंकी हमला किया गया था। इस आतंकी हमले में ईरानी इलीट रेवोलेशनरी गार्ड्स के 27 सदस्यों की मृत्यु हो गयी थी। रायटर्स की खबर के मुताबिक, फाॅर्स ने बुधवार को कहा कि “सुरक्षाकर्मियों को ले जा रही बस पर सिस्तान-बलूचिस्तान इलाके में आत्मघाती हमलावर ने अपने वाहन से टक्कर मार दी थी।”
इस फियादीन हमले में 17 अन्य सैनिक बुरी तरह जख्मी हो। सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी समूह जैश अल अद्ल (न्याय की सेना) ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है। यह समूह ईरान में अल्पसंख्यकों के लिए अधिकार और रहने के लिए अच्छी व्यवस्था की मांग का दावा करता है।
कश्मीर के पुलवामा जिले में पाकिस्तानी समर्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकी समूह में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले कर दिया जिसमे 40 सैनिकों की शहादत की खबर आयी थी। 78 बसों में 2500 सीआरपीएफ के सैनिक जम्मू से श्रीनगर की तरफ जा रहे थे।
सरकार ने पी-5 देशों के राजदूतों जापान, यूरोपीय संघ और खाड़ी देशों को पाकिस्तानी समर्थित आतंक के बाबत बताना शुरू कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के पांच स्थायी सदस्य है, जिसमे अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस और चीन है।इस हमले के भारत ने अरब देशों को पाकिस्तान द्वारा समर्थित जैश ए मोहम्मद की करतूत के बाबत बताया है।
पाकिस्तान ने पुलवामा हमले पर सफाई देते हुए कहा कि “जिले में यह आतंकी हमला गंभीर मामला है और उन्होंने भारतीय मीडिया और सरकार के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत बिना सबूत के पाकिस्तान के दामन को दागदार नहीं कर सकता है।”