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    वृंदावन में बालिकाओं के लिए पहला पूर्ण सैनिक स्कूल का हुआ उद्घाटन

    रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 1 जनवरी, 2024 को उत्तर प्रदेश के मथुरा के वृंदावन में बालिकाओं के लिए पहले पूर्ण सैनिक स्कूल संविद गुरुकुलम सैनिक स्कूल का उद्घाटन किया। इस विद्यालय में 870 बालिका विद्यार्थियों को शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

    रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि संविद गुरुकुलम बालिका सैनिक स्कूल उन लड़कियों के लिए आशा की किरण है, जो सशस्त्र बलों में शामिल होने तथा मातृभूमि की रक्षा करने की इच्छा रखती हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में महिलाओं को सशस्त्र बलों में उनका उचित स्थान दिया है, जो वर्षों से उपेक्षित रही थी।

    रक्षा मंत्री ने कहा कि महिलाओं को अपने पुरुष समकक्षों की तरह ही राष्ट्र की रक्षा करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण के इतिहास में वह स्वर्णिम क्षण था, जब हमने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश लेने को स्वीकृति प्रदान की थी। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज देश की महिलाएं न केवल लड़ाकू विमान उड़ा रही हैं, बल्कि वे सीमाओं की सुरक्षा भी कर रही हैं।

    यह स्मरण योग्य तथ्य है कि श्री राजनाथ सिंह ने 2019 में सैनिक विद्यालयों में लड़कियों के प्रवेश को शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए चरणबद्ध तरीके से मंजूरी दे दी थी। मिजोरम के सैनिक स्कूल छिंगछिप में रक्षा मंत्रालय द्वारा शुरू की गई प्रायोगिक परियोजना की सफलता के बाद यह निर्णय लिया गया था।

    देश में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना के दृष्टिकोण के पीछे का उद्देश्य विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना और उन्हें सशस्त्र बलों में शामिल होने सहित उज्ज्वल भविष्य के अवसर प्रदान करना है। यह पहल निजी क्षेत्र को आज के युवाओं को आने वाले कल का जिम्मेदार नागरिक बनाकर राष्ट्र निर्माण की दिशा में सरकार के साथ मिलकर कार्य करने का अवसर भी देती है।

    मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी वृंदावन में संविद गुरुकुलम बालिका सैनिक स्कूल के उद्घाटन के अवसर पर उपस्थित थे।

    यह उद्घाटन महिला सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे देश की लड़कियों को सशस्त्र बलों में शामिल होने और मातृभूमि की सेवा करने का अवसर मिलेगा। यह पहल राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करेगी।

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