प्रसिद्ध फिल्मकार वी शांताराम के 116 वे जन्मदिन के उपलक्ष्य में आज गूगल ने अपने डूडल के रूप में उनको याद किया है।
18 नवंबर 1901 को कोल्हापुर में जन्मे शांताराम ने 1927 में अपनी पहली फिल्म (नेताजी पालकर) बनायीं थी। अगले पांच दशकों में शांताराम अभिनेता और फिल्म निर्माता ने रूप में करीबन 60 से ज्यादा फिल्मों से जुड़े रहे।
गूगल डूडल
आज 18 नवंबर 2017 को गूगल ने अपने डूडल के रूप में शांताराम द्वारा बनायी गयी तीन फिल्मों का जिक्र किया है।
1951 में बनी अमर भोपाली एक साधारण से गडरिये की कहानी है, जिसे कविताओं से गहरा लगाव था। इस फिल्म को कई राष्ट्रिय और अंतराष्ट्रीय पुरुष्कारों से नवाजा गया था।
इसके बाद 1955 में बनी झनक झनक पायल बाजे फिल्म का एक दृश्य दिखाया गया है। यह फिल्म भारतीय क्लासिकल नृत्य को दर्शाती हुई एक प्रेमकहानी थी। भारत में रंगीन चलचित्र इस्तेमाल करने वाली पहली फिल्मों में से यह एक थी।
इसके बाद 1957 में बनी दो आँखें बारह हाथ फिल्म का जिक्र किया गया है। इस फिल्म में एक युवा जेल वार्डन कोई कहानी है, जो अपने प्रेम-भाव और लगन से जेल में रह रहे खतरनाक कैदियों को इंसान बना देता है। इस फिल्म में जिस तरह शांताराम ने अन्याय की पृष्ठभूमि में मानवता का हवाल दिया, वह काफी काबिले तारीफ़ है।
वी शांताराम की प्रमुख फिल्में :
अभिनेता के रूप में
- सिंहगड (1923)
- सवकारी पाश (1925)
- स्त्री (1961)
- परछाईं (1952)
- दो ऑंखें बारह हाथ (1957)
फिल्म निर्माता के रूप में
- नेताजी पालकर (1927 )
- चन्द्रसेना (1935)
- अमर ज्योति (1936)
- सुबह का तारा (1954)
- झनक झनक पायल बाजे (1955)
- पिंजरा (1973)
- झंझार (1987)
पुरुष्कार
वी शांताराम के फ़िल्मी दुनिया को दिए गए योगदान के लिए उनको उनके जीवनभर में अनेक पुरुष्कारों से नवाजा गया था।
उनके द्वारा बनायी गयी कई फिल्मों को विभिन्न स्तरों पर सबसे अच्छी फिल्म का पुरुष्कार मिला। फ़िल्मी जगत में उनके योगदान को लेकर 1985 में भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा पुरुष्कार, दादा साहब फाल्के पुरुष्कार से भी नवाजा गया था।
1992 में उनकी मौत के बाद भारत सरकार ने उन्हें पद्मा विभूषण से पुरुष्कृत किया था।