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    वीरेंद्र सहवाग

    विस्फोटक ओपनर बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भारत की ओर से तीन विश्वकप खेले है जिसमें उन्होने दो विश्वकप फाइनल भी खेले है। जिसमें उन्होने पहला विश्वकप फाइनल 2003 में जोहानिसबर्ग में खेला था। उनका दूसरा विश्वकप 2007 रहा था जहा टीम पहले राउंड में वेस्टइंडीज से हारकर बाहर हो गई थी। लेकिन 2011 विश्वकप में उन्होने भारतीय टीम को अच्छी शुरुआत दिलवाई थी और बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में ही 175 रन की पारी खेली थी। जहां टीम ने फाइनल मैच में श्रीलंका को मात देकर खिताब पर कब्जा किया था।

    टीओआई के साथ बातचीत में, सहवाग ने खुलासा किया कि भारत को तीसरी बार विजयी होने के लिए क्या करने की आवश्यकता है।

    2011 में आप शून्य पर आउट हो गए थे और उसके बाद सचिन तेंदुलकर का विकेट भी जल्द गिर गया था। आपके आउट होने के बाद क्या आपको लगा था भारत विश्वकप जीत पाएगा?

    2011 में हमारी बल्लेबाजी में बहुत गहराई थी। अगर हम कुछ जल्दी विकेट गंवा भी देते थे तो अन्य खिलाड़ी टीम में अच्छा प्रदर्शन करते हुए टीम को आगे बढ़ाते थे।

    क्या आप भारत की 15 सदस्यीय टीम से खुश है?

    जैसे की अभी टीम का चयन हो गया है अब बस हमे कप्तान विराट कोहली और टीम का समर्थन करना है। आइए हम सभी प्रार्थना करें और टीम के लिए शुभकामनाएं दें। जब तक हम गलतियां नहीं करेंगे, हम जीतेंगे। पर्याप्त गहराई है। टीम के पास पर्याप्त गहराई है।

    नंबर चार स्थान को लेकर अबतक बहुत बहस हुई है? आपके अनुसार इस स्थान पर किसे बल्लेबाजी करनी चाहिए?

    टीम स्थिति के अनुसार फैसला करेगी। शुरुआती मैचों में विजय शंकर वहां बल्लेबाजी कर सकते हैं। लेकिन टीम लचीली होगी। अगर हम विश्वकप जीतने के बारे में सोच रहे है तो हमें ऐसी चीजो से ग्रस्त नही होना चाहिए। किसी भी मिडल-ऑर्डर खिलाड़ी को नंबर 4,5 और 6 पर बल्लेबाजी करने के लिए तैयार रहना चाहिए। लेकिन रोहित, विराट और शिखर में से किसी को लंबे समय तक बल्लेबाजी करनी होगी। किसी को एक छोड़ को संभाले की आवश्यकता है।

    विपक्षी टीमो के बारे में आप क्या कहेंगे?

    वेस्टइंडीज ने अचानक अच्छा खेलना शुरु कर दिया है। उनकी टीम के पास कुछ अच्छे पॉवर-हिटर है। दक्षिण-अफ्रीका ने कभी विश्वकप नही जीता है। इसलिए उन्हे चोकर्स का टैग दिया गया है। ऑस्ट्रेलिया स्मिथ और वार्नर के साथ इसके भागीदार होंगे। मेजबान के बारे में। 2015 से इंग्लैंड के कप्तान और उनकी टीम ने सफेद गेंद प्रारूप में अच्छा क्रिकेट खेला है, वह अपने खेल में एक नयापन लाए है। यह उनका टूर्नामेंट होना चाहिए। लेकिन एक भारतीय के रुप में, मैं चाहता हूं कि भारत विश्वकप जीते।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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