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    टोक्योOffice and residential buildings are seen in Mumbai, India, June 19, 2019. REUTERS/Francis Mascarenhas

    विश्व के 60 देशो की सूची में सबसे सुरक्षित शहर टोक्यो है। व्यक्तिगत सुरक्षा के लिहाज से मुंबई और दिल्ली क्रमशः 37 और 41 वें पायदान पर है और विश्व के सबसे सुरक्षित शहरो में मुंबई और दिल्ली क्रमशः 45 और 52 वें पायदान पर है। इस लिस्ट में शीर्ष पर टोक्यो है और शीर्ष 10 में एशिया पैसिफिक के छह देश शामिल है।

    विश्व के शहरो का माप और संख्या में विस्तार हो रहा है और कनेक्टिविटी, सुरक्षा और निजता सरकार के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। सिंगापुर में सांसदों, कारोबारी नेताओं और उद्योग अनुभवियो के बीच इस मामले में हाल ही में चर्चा हुई थी। इस समारोह में बोलते हुए वाटर ली ने कहा कि “अपने नागरिको की साइबर और फिजिकल स्पेस से डिजिटल पहचान को सुरक्षित कर शहर को सबसे अधिक सुरक्षित बना सकते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “पैनल चर्चा बेहद उत्तेजक थी। हम सुरक्षित शहरो को रखने में कानून या काननों प्रवर्तन विभागों के लम्बे बाजुओ के बारे में बात कर रहे थे। इस चर्चा में तकनीक और एनी मामले भी शामिल थे जो शहर को ज्यादा सुरक्षित बनाते हैं।”

    उन्होंने कहा कि “एक टेक्नोलोजिस्ट होने के नाते हमने शहरो को अधिक सुरक्षित बनाने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने की तरफ देख रहे हैं। मैं इस तथ्य की पैरवी कर रहा था कि हर किसी की डिजिटल पहचान को सुरक्षित कर शहरो को ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सकता है।”

    एनईसी एशिया पैसिफिक के सीईओ तेत्सूरो अकागी ने कहा कि “एशिया पैसिफिक के समुदायों और समाजो में  अपना योगदान देने पर कंपनी यकीन करती है, यह तकनीक, कंप्यूटिंग और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस में सुधार कर के किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य खुद की सुरक्षा और सतत है।”

    उन्होंने कहा कि “समस्त विश्व में हमें सुरक्षा को मज़बूत करने की जरुरत है ताकि समाज को सुरक्षित और स्थिर रखा जा सके।”

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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