विश्व बैंक आज अपनी व्यापार सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) रैंकिंग का वर्ष 2019 का संस्करण जारी करने जा रहा है। इस लिस्ट में भारत नेनी पिछली बार बड़ी छलांग लगते हुए 100वां स्थान प्राप्त किया था।
आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक़ भारत ईज ऑफ़ डूइंग बिज़नस के मामले में विश्व में 77वे स्थान पर पहुँच गया है।
इसी के चलते केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु आज बुधवार को 6.30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
पिछली बार वर्ष 2017 में भी विश्व बैंक के रैंकिंग जारी करने के साथ ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। अरुण जेटली ने उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि व्यापार सुगमता के मामले में देश ने विश्व के टॉप 100 देशों में अपनी जगह बना ली है। उस लिस्ट में कुल 190 देश शामिल थे।
इसी हफ्ते वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु ने इशारा किया था कि देश ‘व्यापार सुगमता’ रैंकिंग के मामले में अपने स्थान में सुधार कर सकता है।
सरकार द्वारा व्यवसाय के लिये सिंगल विंडो योजना की शुरुआत की थी, इसी के चलते भारत ने अपनी रैंकिंग में सुधार किया था। पिछली बार विश्व बैंक द्वारा जीएसटी को अवलोकन के लिए नहीं जोड़ा गया था।
वहीं नीति आयोग और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलहकार परिषद (PMEAC) ने अनुमान लगाया है कि देश पिछली रैंकिंग में 20-25 स्थानों का इजाफा होगा।
ऐसे में देश अगर टॉप 50 तक पहुँचने में सफल रहता है, तो देश में चल रहे प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी परियोजना मेक इन इंडिया को पर लग सकते हैं। इस रैंकिंग में टॉप 50 में आने पर विदेशी निवेशकों को देश में बुलाना काफी आसान हो जाएगा।
इस रैंकिंग का निर्धारण कई पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए किया जाता है। इसमें व्यापार की शुरुआत, निर्माण की स्वीकृति की उपलब्धता, बिजली का मिलना, संपत्ति का पंजीकरण, क्रेडिट का मिलना, निवेशकों की सुरक्षा, सीमा पार व्यापार आदि मुद्दों को ध्यान में रखते हुए इस रैंकिंग के लिए देशों का आंकलन किया जाता है।