यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने सभी राष्ट्रीय महासंघों से कहा है कि वे हाल ही में विश्व कप में पाकिस्तानी निशानेबाजों के वीज़ा अस्वीकार के मद्देनज़र रेसलिंग फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के साथ संचार को रोक दें।
पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा देने से इनकार करने पर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारत के साथ भविष्य के वैश्विक कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए चर्चा को स्थगित कर दिया था।
डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र के अनुसार, “विश्व निकाय ने अपने पत्र में भारतीय कुश्ती महासंघ के साथ अपने विचार विमर्श या संबंधों को निलंबित करने के लिए सभी संबद्ध और संबद्ध राष्ट्रीय कुश्ती संघों को सलाह दी है।”
टिप्पणियों के लिए न तो डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण और न ही सहायक सचिव विनोद तोमर तक पहुंचा जा सका।
पिछले महीने दिल्ली विश्व कप में पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा देने से इनकार करने से भारत की ओलंपिक की मेजबानी की संभावना या आईओसी के साथ किसी भी वैश्विक कार्यक्रम में देश के साथ ऐसी तमाम चर्चाओं को स्थगित करने की सिफारिश की गई थी और सिफारिश की गई थी कि इसे कोई बड़ा टूर्नामेंट नहीं दिया जाएगा।
यह देखा जाना बाकी है कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू का यह निर्देशन किस हद तक भारतीय पहलवानों को प्रभावित करेगा।
हाल में बुल्गारिया में खेले गया डेन-कोलोव टूर्नामेंट, भारत के रेसलरो ने वहा बहुत अच्छा खेल दिखाते हुए दो गोल्ड और दो सिल्वर मेडल अपने नाम किए थे।
बजरंग पूनिया और पूजा ढांढा ने इस टूर्नामेंट में अपने नाम गोल्ड किया तो वही साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को रजत पदक से संतुष्ट रहना पड़ा।