Tue. Nov 5th, 2024
    भारत की अर्थव्यवस्था indian economy in hindi

    विश्व आर्थिक मंच की प्रतिस्पर्धी सूचकांक की रिपोर्ट के मुताबिक भारत अर्थव्यवस्था के लिहाज से विश्व का 58 वां प्रतिस्पर्धी देश है। इस सूचकांक में अमेरिकी अर्थव्यवस्था अव्वल है।

    साल 2017 की रिपोर्ट के तुलनात्मक भारत को पांच पायदान का फायदा हुआ है। जी-20 के देशों में सबसे अधिक भारत की नफा हुआ है। अमेरिका के बाद दूसरे और तीसरे पायदान पर क्रमशः सिंगापुर और जर्मनी है।

    रिपोर्ट के मुताबिक उच्च और निचले आय के लिहाज से चीन और भारत उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था को छूते दिखाई दे रहे हैं।

    चीन ने जब से अनुसन्धान और विकास के क्षेत्र में निवेश करना शुरू किया है तब से अधिक विकसित हो गया है। इस लिहाज से भारत काफी पीछे काफी नहीं है लेकिन व्यापार शोधक्षमता और सृजन क्षमता में सक्षम नौकरशाही न होने के कारण भारत पिछड़ रहा है।

    ब्रिक्स अर्थव्यवस्था में चीन 72.2 के स्कोर के साथ 28 वें पायदान पर है। रूस, भारत, दक्षिण अफ्रीका और ब्राज़ील क्रमशः 43, 58,  67 व 72 वें पायदान पर है।

    रिपोर्ट के मुताबिक भारत दक्षिण एशिया का नेतृत्व करने में अलहदा किरदार निभा रहा है। भारत सभी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी है लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल के क्षेत्र में भारत पिछड़ रहा है। श्रीलंका में स्वस्थ जीवनयापन करने की संभावनाएं 67.8 वर्ष है।

    रिपोर्ट के मुताबिक भारत और श्रीलंका राष्ट्र हैं जिनके पास कुशल ढांचागत प्रणाली है। भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवाओं में अधिक निवेश किया है जबकि श्रीलंका ने अत्याधुनिक उपयोगी ढांचों के निर्माण में निवेश किया है।

    रिपोर्ट के मुताबिक भारत को लेबर मार्किट हर कर्मचारी के अधिकार), प्रोडक्ट मार्केट ( व्यापार शुल्क) और कौशल पर सुधार करने की जरुरत है।

    अन्य 10 सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रों की सूची में स्विटरज़रलैंड, जापान, नीदरलैण्ड, हांगकांग, ब्रिटैन, स्वीडन और डेनमार्क की पोजीशन क्रमशः 4 से 10 पायदान तक है।

    विश्व आर्थिक मंच का प्रतिस्पर्धी सूचकांक किसी देश की आर्थिक उत्पादकता का आंकलन करता है। यह 12 महत्वपूर्ण तथ्यों इंस्टीटूशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, तकनीक, स्वास्थय, शिक्षा और कौशल सहित अन्य तथ्यों के विश्लेषण पर रिपोर्ट तैयार करते हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *