भारतीय टीम के अनियमित कप्तान रोहित शर्मा ने रविवार को कहा कि उनकी टीम आगामी विश्वकप से पहले कठिन परिस्थितियों में खेलना चाहती है इसलिए पांचवे एकदिवसीय मैच में टीम ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था।
रोहित ने यह जानने के बावजूद पहले बल्लेबाजी का फैसला किया की वेस्टपैक स्टेडियम की पिच पर नमी के साथ तेज गेंदबाजी अनुकूल होगी। उनके इस साहसिक निर्णय को लाभांश का भुगतान मिला और टीम ने 35 रन से मैच जीता औऱ सीरीज 4-1 से अपने नाम की।
रोहित ने पोस्ट-मैच कांफ्रेंस मे कहा, ” मुझे टॉस से पहले पिच के बारे में पता लग गया था और मैं समझ गया था कि पिच पर नमी है जो तेज गेंदबाजो के लिए शुरूआत में मदद करेगी। लेकिन एक टीम के रूप में हम देखना चाहते थे कि हम कैसे विश्वकप से पहले इन परस्थितियों में खेल सकते है।”
आगे उन्होने कहा, ” हां, हमने चार विकेट जल्द खो दिए, हमें अब एक सीख मिल गई है कि जब गेंद स्विंग हो रही हो तो इन परिस्थितियों में कैसे बल्लेबाजी की जाए। अब खिलाड़ियो को पता चल गया है कि इन परिस्थितियों में कैसे बल्लेबाजी की जाए। पहले 30 ओवरो में रन रेट कुछ खास नही था लेकिन टीम फिर भी 250 का स्कोर करने में कामयाब रही, जो हमारे लिए एक बड़ी सकारत्मकता की बात थी।”
भारत की टीम का 4-1 से सीरीज जीतना न्यूजीलैंड की धरती पर सबसे बड़ी सीरीज जीत है। टीम ने पहली बार 1967 में न्यूजीलैंड का दौरा किया था और इस पर रोहित का कहना है यह एक “बड़ी उपलब्धि” है।
रोहित ने कहा, “यहां आना और न्यूजीलैंड को 4-1 से हराना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। वे बहुत अच्छी क्रिकेट खेलते हैं, इसलिए यह हमारे लिए बहुत दूर की बात है। पिछली बार जब हम जब यहा 4-0 से हारे थे। हमारे पास साबित करने का कोई मौका नहीं था। हम सिर्फ अच्छा क्रिकेट खेलना चाहते थे, जो हम पिछले 8-10 महीनों से कर रहे हैं।
न्यूजीलैंड की टीम भी एक महान संतुलन वाली टीम है। उनके पास नीचे तक बल्लेबाजी है और गुणवत्ता वाली गेंदबाजी लाइन-अप है, जहां हमने उनकी गेंदबाजी की झलक पिछले मैच में देखी थी जहा उन्होने हमें चुनौती दी थी, इसलिए 4-1 से जीतना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है।”