इस गर्मी इंग्लैंड और वेल्स में होने वाले विश्व कप की टीम में जगह बनाने के लिए अब रविंद्र जडेजा और विजय शंकर के बीच टक्कर है। जैसे की टूर्नामेंट की शुरूआत मई के आखिरी में होगी, ऐसे में इंडियन वायर समझता है कि चयनकर्ताओ ने मन बना लिया होगा की शोपीस कार्यक्रम के लिए किसको टीम में जगह देनी है और किसको नही।
हालांकि, विश्वकप टीम की घोषणा को सार्वजनिक करने से पहले, राष्ट्रीय टीम के चयनकर्ता एमएसके प्रसाद चाहेंगे की जडेजा और शंकर को विश्वकप की टीम में एक खाली स्लॉट को भरने का एक मौका दिया जाए। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रही वनडे सीरीज में जो खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करेगा उसे विश्वकप की टीम का टिकट मिल सकता है। यही एक कारण है कि युजवेंद्र चहल से पहले हैदराबाद में जडेजा को प्लेइंग-11 में रखा गया था। जैसे की हार्दिक पांड्या इंजरी से जुझ रहे है ऐसे में चयनकर्ता देंखेंगे की उनकी अनउपस्थिति में विजयशंकर कैसे इस मौके का उपयोग करते है।
जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी तीन ऐसे तेज गेंदबाज होंगे जो विश्व कप के लिए हार्दिक के साथ पक्के है। हालांकि, इस समय जो अहम मुद्दा है वह यह है कि जडेजा की गेंदबाजी को देखते हुए उन्हे विश्व कप की टीम का टिकट मिलेगा या विजय शंकर की हिटिंग क्षमता देखकर उन्हे विश्वकप की टीम में जगह मिलेगी।
कलाई के स्पिनरों ने बल्लेबाजों को अपनी स्पिन धुनों पर अबतक बल्लेबाजो को नचाया है। जब यादव से पूछा गया कि क्या कलाई के स्पिनरों ने सुनिश्चित किया है कि अश्विन और जडेजा दौड़ से पूरी तरह बाहर हैं, तो उन्होंने कहा, “नहीं नहीं, बिल्कुल नहीं, हमने किसी को भी (दरवाजा नहीं दिखाया)। लेकिन हमें मौका मिला और हमने अच्छा प्रदर्शन किया और वे भारत के लिए हमेशा अच्छा कर रहे हैं। टेस्ट मैचों में, ऐश (रविचंद्रन अश्विन) और जड्डू भाई खेल रहे हैं। और हम उनसे बहुत कुछ सीखते हैं। वे बहुत अनुभव रखते हैं, जब मैं टेस्ट टीम में हूं, तो मैं उनसे बहुत कुछ सीखता हूं। जब भी हमें मौका मिला, मैंने और चहल ने टीम के लिए प्रदर्शन किया और इससे टीम को जीत मिली, इसलिए हम इसे लेकर खुश हैं।”
इस बीच दूसरे दर में विकास की बात करे, भारतीय टीम के फिजियोथेरेपिस्ट पेटरिक पैट्रिक फरहट भारतीय टीम के खिलाड़ियो की वर्तमान फिटनेस की रिपोर्ट सभी आईपीएल फ्रेंचाईजियों के भेजेंगे, जो कि खिलाड़ियो के कार्यभार प्रबंधन को देखते रहेंगे। आईपीएल खिलाड़ियों पर शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत अधिक टोल लेता है। जैसे की विश्वकप पास है ऐसे में भारतीय बोर्ड खिलाड़ियो के कार्यभार पर भी नजर रखना चाहता है। हालांकि, बीसीसीआई अभी तक संबंधित आईपीएल फ्रेंचाइजी के लिए अपनी इच्छाओं को व्यक्त करने में सक्षम नहीं है।