एमएस धोनी साल 2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपने डेब्यू के बाद से भारतीय क्रिकेट टीम का अभिन्न हिस्सा बने हुए है। टी-20 विश्वकप, चैंपियंस ट्रॉफी और 50 ओवर के विश्वकप में टीम का नेतृत्व करने के बाद धोनी ने क्रिकेट में एक सूक्ष्म विचारक के रुप में इज्जत कमाई है। वर्तमान भारतीय कप्तान विराट कोहली हमेशा एमएस धोनी का समर्थन करते आए है, यहां तक कि तब भी जब विकेटकीपर बल्लेबाज पिछेल साल बेकार फॉर्म से जुझ रहे थे।
विराट कोहली ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए अपने एक इंटरव्यू में कहा, ” मैं उनके बारे में क्या कहूं। मेरे करियर की शुरुआत उनकी कप्तानी में हुई थी और पिछले कुछ साल से कुछ अन्य खिलाड़ी भी उन्हे करीब से देखते आए, जिसमें से मैं भी एक हूं। उनके बारे में सबसे खास बात यह है कि- उनके लिए हमेशा सबसे ऊपर है। वह हमेशा टीम के हित के बारे में सोचते है चाहे कुछ भी हो। जब वह टीम में रहते है तो उनके उपस्थिती के साथ हमारी टीम ज्यादा अनुभवी लगती है। स्टंप के पीछे से उनके कुछ शिकार मैच का रुख बदल देते है जो हमने इस आईपीएल में भी देखा।”
धोनी ने जब से टीम की कप्तानी से अपनी इस्तीफा दिया है वह टीम में एक अनुभवी खिलाड़ी के रुप में युवा खिलाड़ियो का मार्गदर्शन कर रहे है। उन्होने स्टंप के पीछे से अपने सुझावो के साथकुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल को बेहतर स्पिनर बनाया है।
कोहली ने कहा कि धोनी एक विकेटकीपर के रूप में अनमोल हैं और क्रिकेट प्रशंसकों और पंडितों को पूर्व भारतीय कप्तान के साथ धैर्य रखना चाहिए, जब भी वह अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में असमर्थ होते हैं।
कोहली ने कहा, ” यह दुर्भाग्यपूर्ण है। ईमानदारी से, मुझे लगता है कि लोगों में धैर्य की कमी है। अगर अनुभवी के लिए एक दिन खराब होता है तो लोगो बहुत बाते बनाते है। लेकिन तथ्य है कि एमएस धोनी क्रिकेट में सबसे चतुर दिमागो में से एक है। स्टंप के पीछे, जैसा कि मैंने कहा, वह अनमोल है। यह मुझे अपनी बात करने की आजादी देता है। एमएस जैसे किसी व्यक्ति के पास अनुभव का खजाना है।”