भारत की 15 सदस्यीय विश्वकप टीम में कई क्रिकेट विशेषज्ञो और प्रशंसको ने ऋषभ पंत से आगे दिनेश कार्तिक को टीम में जगह देने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। चयनकर्ताओं द्वारा लिया गया यह निर्णय किसी को सही नही लगा और वे 21 साल के रुढ़की के विकेटकीपर बल्लेबाज के समर्थन में थे। 2004 में भारतीय टीम में डेब्यू करने वाले दिनेश कार्तिक ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में धोनी के कदम रखते ही टीम में अपनी जगह खो दी। एमएस धोनी और दिनेश कार्तिक इस समय आईपीएल में सबसे सफल दो विकेटकीपर है क्योकि धोनी के नाम 132 शिकार है तो वही कार्तिक के नाम 131 शिकार है।
भारत के लिए 91 वनडे में भाग लेने के बाद, कार्तिक इस समय भारतीय टीम का नियमित हिस्सा बने हए लेकिन उनकी उम्र 33 की है, लेकिन उन्हे विश्वकप के लिए एक शानदार अवसर मिला है। विश्वकप के लिए धोनी को पहले विकेटकीपर के रुप में चुना है, कार्तिक को धोनी के बैकअप के रुप में चुना है अगर टूर्नामेंट में धोनी को कुछ हो जाता है तो वह मैच खेल सकते है।
मुख्य चयनकर्ताओं ने ऋषभ पंत के ऊपर कार्तिक को टीम में शामिल किए जाने की वजह बताई थी और भारतीय कप्तान विराट कोहली ने भी इसके ऊपर अपनी राय रखी है और कहा है कि 33 वर्षीय विकेटकीपर बल्लेबाज के अनुभव और दबाव में डिलिवर करने की क्षमता ने उन्हे टीम में जगह दी है। अगर हम कार्तिक और पंत की तुलना इस आईपीएल में करते है, तो निश्चित रुप से युवा ने कार्तिक के प्रदर्शन को पछाड़ा है। लेकिन कोहली ने आईपीएल शुरु होने से पहले कहा कि टी-20 लीग के प्रदर्शन का कोई असर विश्वकप की टीम में नही दिखेगा।
विराट कोहली ने कहा कि 33 वर्षीय बल्लेबाज के अनुभव और दबाव में देने की क्षमता ने उन्हें स्थान दिया।
कोहली ने द टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, ” दबाव की स्थिती में उन्होने (दिनेश कार्तिक) ने अपना मानसिक संतुलन दिखाया है। यह कुछ ऐसा था, जिसके बारे में हर कोई आश्वस्त था। उनके पास अनुभव है। अगर भगवान ना करे, एमएस धोनी को कुछ होता है, तो कार्तिक भी विकेट के पीछे काफी मूल्यवान हो सकते है। एक फिनिशर के रुप में वह अच्छा करते है। तो, यह इस परिमाण के एक टूर्नामेंट के लिए समग्र प्रदर्शन था जिसे प्राथमिक विचार में लिया गया था।”