दक्षिणी चीनी सागर में बीजिंग की बढ़ती दखलंदाज़ी पर वियतनाम की चिंताए बढ़ गयी है। हाल ही में चीनी सेस्मिक सर्वे जहाज हैयंग दिज्ही ने समुंद्री सर्वेक्षण किया था और यह वियतनामी जलमार्ग के भीतर तक आया था। चीनी जहाज को कई बंदरगाह सुरक्षा जहाजो और फिशिंग जहाजो ने घेर लिया था और इस सर्वे को वियतनामी रेखा से 36 नॉटिकल मील तक अंजाम दिया गया था। देश के 200 किलोमीटर विशेष आर्थिक क्षेत्र की सीमा से करीब 31 नॉटिकल मील करीब सर्वे हुआ था।
सूत्र ने दावा किया कि चीनी बंदरगाह जहाज वियतनामी कानून प्रवर्तन जहाजो के कैनन का इस्तेमाल करते हैं जो वितानामी जल पर यूएनक्लोस 1982 के तहत कानून प्रवर्तन की दायित्वों का निर्वाह कर रहे हैं। वियतनाम सागर के इस विवादित क्षेत्र से बीजिंग को हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक दबाव बना रहा है और उन्होंने चीन से संप्रभुता का सम्मान करने का आग्रह किया था।
कूटनीतिक सूत्रों ने बताया कि चीन की विशेष आर्थिक क्षेत्र में गतिविधियों के बाबत वियतनाम ने भारत को सूचित किया था। भारत की तेल एवं प्राकृतिक गैस सहयोग विदेश लिमिटेड ने कुछ ब्लॉक्स में ड्रिल शुरू कर दी है, चीन और वियत्नाम के बीच तनाव काफी बढ़ गया है।
बहरहाल, नई दिल्ली की तरफ से इस मामले पर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। भारत के पास वक्त है और दोबारा अपनी सैद्धांतिक स्थिति से स्वतंत्रता का नौचालन की पैरवी की है। वियतनाम ने कूटनीतिक नोट्स को भेजा है और हनोई में चीनी दूतावास को दर्ज़नो से संपर्क किया गया है। बीजिंग में ताईवान के दूतावास ने भी चीनी विदेश मंत्रालय के साथ संपर्क में हैं।