विनय जायसवाल एक शॉर्ट फिल्म ‘चीटियां’ लेकर आये हैं, दृष्टिकोण और मानवीय प्रवृत्ति के बारे में बात करती है। यह फिल्म दो सबसे अच्छे दोस्तों की कहानी बताती है – एक हिंदू और एक मुस्लिम – और कैसे वे एक-दूसरे के धर्म के प्रति पक्षपात को दूर करते हैं।
विनय ने IANS को बताया-“हम समय की शुरुआत से ही धर्म और जाति-आधारित विभाजन को देखते रहे हैं। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि विभाजन और शासन नीति, जिसे अंग्रेजों ने हमारे देश में शुरू किया था, आज तक जारी है। मेरी फिल्म दृष्टिकोण के बारे में बात करती है। हर धर्म अपने दृष्टिकोण को सही साबित करने की कोशिश करता है और यह एक गहरी समस्या है।”
विनय ने इस फिल्म से अपना अभिनय डेब्यू भी किया है। उन्होंने आगे कहा-“एक बात किसी के लिए शैतान है और किसी के लिए भगवान। लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार इस विभाजन को बनाया है। जब हम इन मुद्दों को एक नजरिए से देखते हैं, तो हम अपना दिमाग लगाना भूल जाते हैं। हम इस पर सवाल नहीं उठाते हैं, क्योंकि बहुत ही कम उम्र में जब हमारे माता-पिता या वयस्क हमें कुछ सिखाते हैं, तो हम यह मानने लगते हैं कि यह सही है और कभी भी इस पर सवाल नहीं उठाएं। विशेष रूप से धर्म के मामले में, हमें सिखाया जाता है कि यह पवित्र है और किसी को भी इस पर सवाल नहीं उठाना चाहिए। लेकिन बड़े होने के बाद भी हम इस पर सवाल क्यों नहीं उठाते? क्योंकि जब तक हम बड़े हो जाते हैं, तब तक हम धर्मों के प्रति एक परिभाषित निर्णयात्मक दृष्टिकोण विकसित कर लेते हैं, जो हमारा नहीं है।”
सात मिनट की फिल्म में देश में चलने वाले हिन्दू-मुस्लिम सांप्रदायिक विवाद को दिखाया जाएगा। फिल्ममेकर को उम्मीद है कि बदलाव एक दिन जरुर आएगा लेकिन इसके लिए लोगो को आज ही जागरूकता फैलानी होगी।
उनके मुताबिक, “बेशक, इसमें समय लगेगा, ये केवल एक बटन दबाने से नहीं होगा, लेकिन अगर हम आज से ही काम शुरू कर दें तो आखिर में बदलाव आएगा ही। मुझे लगता है कि शिक्षा लोगो को अन्धविश्वास और अंधी आस्था पर सवाल करने में मदद करेगी। जब आप सवाल करने लगते हैं, तभी आपको किसी चीज़ का सही दृष्टिकोण मिलता है।”
उनकी फिल्म ‘चीटियां’ जिसमे अख़लाक़ खान भी नजर आयेंगे, वह 15 अगस्त को रिलीज़ हुई थी।
https://youtu.be/cuB3nFUXzNg