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    mamta banerjee

    तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्षा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे 2019 लोकसभा चुनाव के लिय उल्टी गिनती बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा के अंत की शुरुआत हो चुकी है और विपक्ष 2019 लोकसभा चुनाव का इंतज़ार कर रहा है।

    ममता ने 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम को लोकतंत्र की जीत बताया और कहा कि इस सेमीफाइनल से ये साबित हो गया कि भाजपा अब ख़त्म होने के कगार पर पहुँच चुकी है। उन्होंने कहा “ये जीत अन्याय के खिलाफ है, अहंकार के खिलाफ है, संवैधानिक संस्थाओं को नुकसान पहुँचाने के खिलाफ है, केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग के खिलाफ है और गरीबों, किसानों, युवाओं, दलितों, अल्पसंख्यकों के लिए काम न करने के खिलाफ है।

    मतदाताओं को डेमोक्रेसी का ‘मैन ऑफ़ द मैच’ बताते हुए उन्होंने जनता को बधाई दी और कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की आज़ादी बरकरार रहनी चाहिए।

    राजस्थान, छतीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बाहर कर दिया है जबकि तेलंगाना में टीआरएस और मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट ने शानदार विजय हासिल की है।

    कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने इसे राहुल गाँधी की जीत बताया और इस जीत को कार्यकर्ताओं को समर्पित किया जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष किया।

    भाजपा के राज्यसभा सांसद संजय काकडे ने कहा कि पार्टी 2014 में मोदी जी द्वारा उठाये गए विकास को मुद्दे को भूल गई और राम मंदिर में उलझ गई जिसके कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव परिणामों के बाद पार्टी की हार को स्वीकार करते हुए कांग्रेस को जीत की बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया “हम विनम्रता के साथ लोगों के जनादेश को स्वीकार करते हैं। मैं इन राज्यों की सेवा करने का मौका देने के लिए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लोगों का धन्यवाद करता हूं। इन राज्यों में बीजेपी सरकारों ने लोगों के कल्याण के लिए अथक रूप से काम किया।”

    एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कांग्रेस, तेलंगाना में जीत के लिए केसीआर और मिजोरम में जीत के लिए मिजो नेशनल फ्रंट को बधाई और शुभकामनाएं दी।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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