5 राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद यूपीए की अध्यक्षा सोनिया गाँधी ने हिंदी पट्टी के राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस के प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि ये जीत भाजपा के नाकारात्मक राजनीति के ऊपर कांग्रेस के साकारात्मक राजनीति की जीत है।
2014 लोकसभा चुनावों में करारी हार के बाद राज्य दर राज्य विधानसभा चुनावों में कांग्रेस हारती गई इससे न सिर्फ भाजपा को टक्कर देने की कांग्रेस की क्षमता पर सवाल उठने लगे थे बल्कि राहुल गाँधी के राजनितिक भविष्य पर भी प्रश्नचिन्ह लग गया था। अब तीन राज्य भाजपा के हाथ से छीन लेने के बाद न सिर्फ कांग्रेस में नया जोश आएगा बल्कि 2019 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के सामने राहुल गाँधी भी मजबूत प्रतिद्वंदी के रूप में उभरेंगे।
सोनिया गाँधी ने कांग्रेस की बागडोर 11 दिसंबर 2017 को राहुल गाँधी को सौंप दी थी और अस्वस्थता के चलते खुद को सक्रीय राजनीति से दूर कर लिया था। अपने अध्यक्ष बनने के एक साल बाद राहुल गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने पिछले 5 सालों में पहली बार भाजपा को सीधी लड़ाई में पटखनी दी है।
छतीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटों में से 68 सीटें हासिल कर पार्टी ने 2 तिहाई बहुमत के साथ सत्ता हासिल की जबकि राजस्थान में 200 सीटों में से 99 सीट और मध्य प्रदेश में 230 सीटों में से 114 सीटों पर कब्जा कर भाजपा से सत्ता छीन ली।
हालाँकि पार्टी ने तीनों राज्यों में अब तक मुख्यमंत्री पद के लिए किसी नाम की घोषणा नहीं की है। राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत और युवा नेता सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदार हैं जबकि मध्य प्रदेश में वरिष्ठ नेता कमलनाथ और गुना से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया में से पार्टी को किसी एक को मुख्यमंत्री चुनना है। छतीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए पार्टी में असमंजस बनी हुई है।
मध्य प्रदेश में बहुमत से 2 सीट पीछे रुक जाने पर मायावती ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा की है।