पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पुष्टि करते हुए कहा है कि अमेरिका-ईरान के बीच चल रहे तनाव में पाकिस्तान हिस्सा नहीं लेगा। अमेरका के हवाई हमले में ईरान के सैन्य कमांडर सुलेमानी के मारे जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को सीनेट को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि क्षेत्रीय विशेषज्ञों के अनुसार, सुलेमानी की मौत के परिणाम 2011 के हमले से ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं, जिसमें अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन मारा गया था और 2019 से भी ज्यादा खतरनाक, जिसमें इस्लामिक स्टेट (आईएस) प्रमुख अबु बकर अल-बगदादी मारा गया था।
उन्होंने कहा, “मैंने क्षेत्र के महत्वपूर्ण विदेश मंत्रियों से संपर्क करने का फैसला किया। कल (रविवार) मैंने ईरान के विदेश मंत्री से विस्तार से चर्चा की और इस पर पाकिस्तान का रुख रखा तथा उनसे जानकारी ली।”
उन्होंने कहा, “मध्य-पूर्व में स्थिति बहुत नाजुक और चिंताजनक है।”
कुरैशी ने दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान किसी एकतरफा कार्रवाई का समर्थन नहीं करता है और सेना के उपयोग के खिलाफ है, क्योंकि इससे कभी समाधान नहीं होता है।
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में उद्धत संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के सिद्धांतों का समर्थन करता है।”
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सभी पक्षों से अधिक से अधिक संयम बरतने का आग्रह करता है।
कुरैशी ने कहा, “पाकिस्तान की धरती का उपयोग किसी दूसरे देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा। इस्लामाबाद इस क्षेत्रीय विवाद में शामिल नहीं होगा।”
पाकिस्तान ने रविवार को क्षेत्र में किसी भी विवाद में शामिल नहीं होने का संकल्प दोहराया था।