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    भारतीय एच 1-बी वीजा

    एशियाई डेवलपमेंट बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में सबसे अधिक भारत के नागरिक अंतर्राष्ट्रीय अप्रवासी बने हैं। दूसरे व तीसरे पायदान पर क्रमशः चीन और बांग्लादेश के नागरिक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में अन्तराष्ट्रीय आप्रवासियों में एक-तिहाई एशिया के लोग थे।

    साल 2017 में भारत के 17 मिलियन, चीन के 10 मिलियन और बांग्लादेश के 7.5 मिलियन नागरिक अंतर्राष्ट्रीय आप्रवासी बने हैं। जारी रिपोर्ट के मुताबिक हर तीन अंतर्राष्ट्रीय आप्रवासियों में एक एशिया से है और वो भी भारत और चीन का निवासी है।

    रिपोर्ट के मुताबक अन्तराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या में साल 2015 के मुकाबले 3.9 फीसदी की वृद्धि हुई है। साल 2016 में आप्रवासियों की संख्या 83.6 मिलियन थी जबकि साल 2017 में यह बढ़कर 86.9 मिलियन हो गई थी।

    रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में नए निवेश से भारत, वियतनाम, फ़िलीपीन्स, सिंगापुर और आईटी में 667000 नौकरियों के द्वार खुले थे। एशिया में साल 2017 में विदेशी निवेश (एफडीआई) में 1.4 प्रतिशत की कमी हुई थी। साल 2016 में 494.9 बिलियन के मुकाबले साल 2017 में 487.9 बिलियन का ही निवेश हुआ था।

    भारत ने रबर और इलेक्ट्रोनिक क्षेत्र में दोगुना निवेश किया है। रिपोर्ट के मुताबिक नागरिक बॉर्डर को पार रोजगार, परिवार, शिक्षा, हिंसा और झड़प जैसे कई कारणों से करते हैं।

    एशियन डेवलपमेंट बैंक

    एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) एक क्षेत्रिय विकास बैंक है। इस बैंक का गठन साल 1996 में हुआ था। एडीबी को मुख्यालय फिलिपिंस में स्थत है।

    इस बैंक का मकसद एशिया और पैसिफिक को गरीबी से निजात दिलाना है। इस बैंक के 67 सदस्य देश है। इस बैंक में सबसे अधिक हिस्सेदारी चीन और जापान की 15.607 फीसदी है। भारत की इसमें हिस्सेदारी 6.331 प्रतिशत है।

    साल 1956 में जापान के वित्त मंत्री ने अमेरिका को बैंक के गठन की सलाह दी थी। जो बैंक दक्षिणी पूर्वी एशिया के  विकास कार्यो को पूर्ण करेंगे। जिसके एक साल बाद ही इस बैंक के अस्तित्व की नींव रखी गई थी।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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