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    भारत-जीडीपी-विकास-

    प्रसिद्ध निवेश संस्था गोल्डमैन सैक्स के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2018-19 में भारत 8 फीसदी की दर से विकास करेगा। इसके पीछे का मुख्य कारण होगा, बैंकों का पुनर्पूंजीकरण। गोल्डमैन का मानना है कि बैंकों के पूंजीकरण से देश के क्रेडिट डिमांड और निजी निवेश को मजबूती मिलेगी। 

    अमेरिका की कंपनी गोल्डमैन ने आगे कहा कि जिस प्रकार भारत के निजी बैंकों में 2.11 ट्रिलियन डॉलर का पुनर्पूंजीकरण किया गया है, उससे शेयर बाजार में तेजी देखने को मिलेगी। गोल्डमैन ने निफ्टी का लक्ष्य दिसम्बर 2018 तक 11,600 रूपए रखा है। वर्तमान में निफ्टी 10,390 रूपए के करीब है। 

    गोल्डमैन के मुताबिक, “हम भारत की जीडीपी विकास को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 8 फीसदी पर निर्धारित कर रहे हैं। 2017-18 में हालाँकि जीडीपी विकास 6.4 फीसदी पर रहा, जिसका मुख्य कारण नोटबंदी और जीएसटी का शुरूआती प्रभाव रहा। हालाँकि बैंकों का पुनर्पूंजीकरण जीडीपी के विकास में मददगार साबित होगा।”

    इसके अलावा गोल्डमैन ने कहा कि रिटेल दामों में वृद्धि हो सकती है। आरबीआई ने साल 2018-19 के लिए कीमत वृद्धि का टारगेट 5.3 फीसदी रखा है। ऐसे में खाद्य वस्तुओं के दामों में वृद्धि देखी जा सकती है। 

    गोल्डमैन ने हालाँकि भारतीय शेयर बाजार के विकास पर काफी जोर दिया है। गोल्डमैन सैक्स के एशिया हेड टिमोथी मो के मुताबिक साल 2018 के दिसम्बर तक निफ्टी 11,600 के पार पहुँच सकता है। उन्होंने कहा कि अगले साल निवेशकों के पैसे पर 18 फीसदी का ब्याज मिल सकता है। इसके पीछे मुख्य कारण बैंकों की प्रणाली में किये गए बदलाव हैं।

    हालाँकि गोल्डमैन ने यह चेतावनी दी है कि आर्थिक आय में किसी प्रकार की कटौती से इस अनुमान को ठेस पहुँच सकती है। इस रिपोर्ट में आगे कहा गया कि साल 2018 के शुरुआत में आर्थिक विकास में तेजी देखने को मिलेगी। इस दौरान नोटबंदी और जीएसटी से हुए धीमेपन को भी काबू में किया जा सकेगा।

    रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी जीएसटी लागु होने से देश में कई क्षेत्रों को बुरे प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। हालाँकि जल्द ही इसमें सुधार देखने को मिल सकते हैं।

    इसके अलावा गोल्डमैन ने बताया कि उन्होंने देश में मौजूद कारोबारियों से बात की और उनके मुताबिक जीएसटी के दुष्प्रभाव बहुत जल्द दूर हो सकेंगे और कमाई में फिर से वृद्धि देखी जा सकेगी।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।