गुरूवार को आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चन्द्र गर्ग ने कहा की जल्द ही वित्त मंत्रालय द्वारा राज्य संचालित बैंकों के लिए संसद में अतिरिक्त पूँजी की मांग की जा सकती है। गर्ग ने बुधवार को संवाददाताओं से यह भी कहा कि प्रस्ताव संसद के समक्ष पेश किए जाने वाले ग्रांट की पूरी मांग का हिस्सा होगा।
पूँजी के अतिरिक्त क्या है मांग ?
गर्ग ने यह भी बताया की “इसके साथ साथ सरकार द्वारा केंद्रीय बैंक से अंतरिम लाभांश मांगे जाने की संभावना है।”
केंद्रीय बैंक एवं सरकार के बीच मतभेद
पिछले कुछ समय से सरकार एवं केंद्रीय बैंक के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हैं जैसे राज्य के बैंकों के लिए पूँजी एवं विभिन्न पार्टी को उधार देने के लिए सरकार के प्रस्ताव आदि जैसे मुद्दों पर मुख्यतः सरकार एवं केंद्रीय बैंक के बीच टकराव है।
इसी के चलते RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था लेकिन बहुत से नेताओं को यह पता था की ऐसा उनके एवं सरकार के मतभेदों की वजह से हुआ है।
इस्तीफे के बाद अरुण जेटली ने भी प्रेस को सम्भिदित करते हुए माना था की गवर्नर एवं सरकार के बीच कुछ मुद्दे ऐसे थे जिन पर उनका मत विभिन्न था। सरकार ने RBI के कामकाज में दखलंदाजी की कोशिशें की थी। लेकिन ऐसा असलियत में RBI के कामकाज के लिए ठीक नहीं होता है।
मतभेदों के ख़त्म होने की उम्मीद
उर्जित पटेल के इस्तीफे के तुरंत बाद पूर्व नौकरशाह शक्तिकांत दास को नया गवर्नर बनाया गया है।
शक्तिकांत पूर्व वित्त सचिव हैं एवं वित्त आयोग के मुख्य सदस्य रहे हैं। वे पिछले साल ही इस पद से सेवानिवृत हुए थे। सरकार के आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास को देश के सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक मान जाता है एवं वे प्रधानमंत्री मोदी के भरोसेमन्द व्यक्ति हैं।
इसके चलते सर्कार को आशा है की RBI एवं उनके बीच मतभेद ख़त्म होंगे।