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    विटामिन डी फायदे, नुकसान, स्त्रोत vitamin d in hindi

    विटामिन डी को सूरज की रोशनी का विटामिन भी कहा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि मुख्य रूप से हमारे शरीर को विटामिन डी सूरज के संपर्क में रहने से मिलता है। यदि आप लम्बे समय तक सूरज के प्रकाश से दूर रहते हैं, तो आपको विटामिन डी की कमी हो सकती है।

    विटामिन डी की कमी होने से शरीर में रिकेटस नामक बीमारी होने का खतरा रहता है जिससे हड्डियां कमजोर और विकृत हो जाती है। इससे बचाव के लिए यह आवश्यक है कि आप रोजाना कुछ देर के लिए सूरज के संपर्क में रहे। इसके अलावा विटामिन डी युक्त भोजन का भी सेवन करें।

    इस लेख में हम विटामिन डी के फायदे, नुकसान, इसे पाने के स्त्रोत और भोजन आदि पर चर्चा करेंगे।

    विषय-सूचि

    विटामिन डी के फायदे (benefits of vitamin d in hindi)

    विटामिन डी हमारे शरीर के कई अंगों के विकास के लिए जरूरी है। इनमे सबसे जरूरी है, हड्डियां। हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम की जरूरत होती है, जो हमें सूरज के संपर्क में आने से मिलता है। कैल्शियम के बनने से हड्डियां और जोड़े मजबूत होते हैं। इसके अलावा विटामिन डी से शरीर में फॉस्फोरस की मात्रा बढ़ती है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनता है।

    इसके साथ ही विटामिन डी के कई फायदे और हैं।

    वजन कम करने में

    शरीर में भरपूर मात्रा में विटामिन डी की मौजूदगी में तीव्रता और चुस्ती का अनुभव रहता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है। एक शोध के अनुसार यह पता चला है कि वजन कम करते समय यदि आप बाहरी विटामिन डी की दवाई या अन्य डोज लेते हैं, तो आपको वजन कम करने में मदद मिलती है।

    मजबूत जोड़ों और हड्डियों के लिए

    विटामिन डी की कमी से शरीर पर सबसे बड़ा असर हड्डियों पर पड़ता है। इसकी कमीं से होने वाली बीमारी रिकेटस के दौरान हड्डियां विकृत और कमजोर हो जाती हैं। जाहिर है कि हमारी हड्डियों को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है। कैल्शियम के अभाव में कमजोर हड्डियों की शिकायत हो जाती है।

    बुड्ढे लोगों को अक्सर जोड़ों में दर्द होता है। इसके इलाज के लिए डॉक्टर कैल्शियम युक्त खाना और पर्याप्त मात्रा में सूरज के संपर्क में रहने की सलाह देते हैं।

    तनाव कम करने में

    यह जानकर आपको आश्चर्य होगा, लेकिन पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेने से आपका व्यवहार सुधरता है और तनाव आदि में आपको मदद मिलती है। विशेषज्ञों ने एक शोध के जरिये इस बात का खुलासा किया है कि यदि आप चीन और तनावग्रस्त रहते हैं, तो इसका कारण आपके शरीर में विटामिन डी की कमी भी हो सकती है।

    अन्य रोगों से बचाव में

    रिकेट्स के अलावा विटामिन डी कई बिमारियों से हमारा बचाव करता है। विटामिन डी के अभाव से शरीर में डायबेटीज, मोटापा, अस्थमा, जोड़ों आदि से सम्बंधित अनेक समस्याएं पैदा हो जाती हैं।

    पौष्टिक आहार का सेवन करने से और पर्याप्त मात्रा में सूरज के सम्पर्क में रहने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और यह बाहरी हानिकारक तत्वों को दूर रखता है।

    विटामिन डी की कमी के लक्षण (deficiency of vitamin d in hindi)

    आपकी दिनचर्या में अनेक कार्य ऐसे होते हैं, जो आपको पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिलने में बाधा डाल सकते हैं। जैसे, पुरे दिन घर के भीतर रहना, बाहर का खाना खाना आदि। इन सब कारणों में शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। इस कमी के होने से शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं।

    • थकावट, कमजोरी और तनावग्रस्त मन
    • घुटनों, कोहनी, टखने आदि में दर्द की शिकायत
    • हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द
    • चढ़ने-उतरने में दिक्कत

    इसके अलावा भी मेडिकल जांच के जरिये आपके शरीर में विटामिन डी की कमी का पता लगाया जा सकता है। डॉक्टर अक्सर हड्डियों का एक्सरे करके बता सकते हैं कि इनमे विकृति या अन्य कोई शिकायत है। ऐसी स्थिति में आपको विटामिन डी की गोलियां या अन्य कोई साधन से विटामिन डी का सेवन करने को कहा जाता है।

    विटामिन डी के स्त्रोत (source of vitamin d in hindi)

    विटामिन डी का मुख्य स्त्रोत सूर्य की रोशनी है। हर सुबह थोड़ी देर सूरज के संपर्क में रहने से आपके शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी मिल जाता है। इस विषय में ध्यान रहे कि तेज धुप में ज्यादा देर रहने से त्वचा को नुकसान भी पहुंच सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप कम धुप में बाहर निकलें। इसके अलावा तेज-धुप में सूर्य से बचाव के लिए सनस्क्रीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

    सूर्य के अलावा भोजन के जरिये भी आप पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी का सेवन कर सकते हैं। भोजन में मांसाहारी चीज़ों में ज्यादा मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है। ऐसे में यदि आप शाकाहारी है तो आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है।

    मुख्य भोजन स्त्रोत जैसे दूध, मछली, अंडे, मीट आदि विटामिन डी के मुख्य साधन हैं। इसके अलावा दही, संतरा, अनाज, हरी सब्जियां, शलगम, मशरूम आदि का सेवन भी विटामिन डी पाने के लिए बहुत आवश्यक होता है।

    भोजन के अलावा दवाईओं के जरिये भी विटामिन डी की आपूर्ति की जा सकती है। विटामिन डी की गोलियां बाजार में आसानी से उपलब्ध होती है। इसका सेवन करने से पहले यह जरूरी है कि आप डॉक्टर की सलाह लें।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

    9 thoughts on “विटामिन डी : फायदे, नुकसान, स्त्रोत और खाद्य पदार्थ”
      1. आप ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट सूरज में रहे जिससे आपको विटामिन d मिल सके. और ज्यादा दोपहर में सूरज में ना जाएँ.

    1. vitamin d ki kami ko pura karne ke liye kis prakar ki sabji khani chahiye? kya palak se bhi vitamin d milta hai?

      1. विटामिन d की कमी को पूरा करने के लिए हरी सब्जियां लें और शिमला मिर्च खाएं.

    2. jaisa ki aaapne bataya ki hame dhoop mein baithna chahiye to usse vitamin d milega lekin agar hum zyaada der baith gaye to kuch nuksaan bhi ho sakta hai kyaa

      1. jyada der sun mein bathne se skin irritation ho sakti hai. iske alawa aap jhulas bhi sakte hain.

    3. mujhe pata chala hai ki mere shareermein vitamin d ki kami hai to kyaa aap bata sakte hain ki mujhe pani diet mein kyaakyaa changes karne chaahiye taaki main apne body kii vitamin requirements ko meet kar saku?

    4. jab hum dhoop mein jaate hain to sunlight se vitamin d hamaari body mein kaise aata hai kaisi process hoti hai yeh?

    5. surya ki roshni ke alaawa vitamin d ke kon kon se shrot hot hain kon kon se fal and sabzi mein vitamin d hotaa hai?

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