गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट को विज्ञापन की कीमतों में गिरावट आने की वजह से नुकसान उठाना पड़ रहा है। एक ओर अल्फाबेट अपने सहयोगी पोर्टल को विज्ञापन दिखाने के एवज़ में अधिक भुगतान कर रही है, वहीं दूसरी ओर उसे विज्ञापन के लिए कम कीमत की प्राप्ति हो रही है।
इसी के चलते कंपनी के आर्थिक विकास में काफी बाधा पहुँच रही है।
वाल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक कंपनी ने तीसरी तिमाही में 27.2 अरब डॉलर की बिक्री की है, जबकि कंपनी का अनुमान था कि इस दौरान वो 27.3 अरब डॉलर की बिक्री करेगी।
ब्लूमबर्ग द्वारा प्रदर्शित आंकड़ों के अनुसार गूगल द्वारा चलायी जा रही कंपनियों जैसे यूट्यूब और सर्च पेज की कमाई इस तिमाही 22 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि पिछली तिमाही में बढ़ोतरी की यह दर 26 प्रतिशत थी।
गूगल की कमाई का मुख्य जरिया उसके द्वारा दिखाये जाने एड पर लोगों का क्लिक करना है। वहीं गूगल अपने सर्च इंजन और यूट्यूब जैसी सुविधाओं के जरिये मोबाइल में विज्ञापन चलाने के एवज़ में उतना राजस्व नहीं कमाता है, जितना उसे डेस्कटॉप के जरिये मिलता है। विश्वभर में बढ़ते जा रहे मोबाइल के उपयोग के चलते अब गूगल के राजस्व ग्राफ़ में बामुश्किल उफान देखने को मिलती है।
वहीं इस तिमाही गूगल द्वारा दिखाये जा रह विज्ञापनों में तो 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उन विज्ञापनों के जरिये होने वाली कमाई की दर में 28 प्रतिशत की कमी आई है।
गूगल की कमाई में 2015 के बाद यह सबसे बड़ी कमी है। टेक विशेषज्ञों के अनुसार गूगल मोबाइल सुविधा में डेस्कटॉप की तुलना में अधिक चार्ज नहीं कर सकता है। विश्वभर में बढ़ रही मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या अब उसके राजस्व विकास में बाधा बन रही है।
इसके पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प गूगल पर राजनैतिक रूप से पक्षपाती होने का आरोप लगा चुके हैं।